- Hindi News
- राज्य
- मध्य प्रदेश
- निदान फॉल में दर्दनाक हादसा: स्टंट के चक्कर में गई जान, 22 घंटे बाद मिला युवक का शव
निदान फॉल में दर्दनाक हादसा: स्टंट के चक्कर में गई जान, 22 घंटे बाद मिला युवक का शव
Jabalpur, MP

प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर निदान फॉल एक बार फिर हादसे का गवाह बन गया। बुधवार को दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने गए 35 वर्षीय राजेंद्र झारिया की झरने में गिरने से मौत हो गई। उसका शव घटना के 22 घंटे बाद गुरुवार को बरामद किया गया।
राजेंद्र जबलपुर के गढ़ा क्षेत्र का निवासी था और अपने पांच दोस्तों के साथ कंटगी स्थित निदान फॉल घूमने गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, राजेंद्र झरने की करीब 50 फीट ऊंची चट्टान पर चढ़कर स्टंट कर रहा था। इस दौरान उसका पैर फिसला और वह पत्थरों से टकराते हुए सीधे गहरे पानी में जा गिरा। तेज बहाव में कुछ ही पलों में वह आंखों से ओझल हो गया।
22 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
घटना की सूचना मिलते ही कटंगी थाना पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। शाम होते ही अंधेरे के कारण रेस्क्यू रोकना पड़ा, लेकिन गुरुवार सुबह फिर से सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ और आखिरकार शव बरामद कर लिया गया।
चट्टानों से टकराकर सीधे झरने में समाया
स्थानीय पर्यटकों ने बताया कि राजेंद्र समेत कुछ युवक झरने की ऊंची चट्टानों पर चढ़कर फोटो और वीडियो बना रहे थे। दोस्तों ने उसे मना भी किया, लेकिन उसने नहीं सुना। नतीजा ये हुआ कि पैर फिसलते ही वह सीधे नीचे गिर गया और चंद ही सेकंड में पानी में समा गया।
सुरक्षा के नाम पर सिर्फ बोर्ड
निदान फॉल पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने आरोप लगाया है कि वन विभाग वहां केवल एंट्री शुल्क वसूलता है, लेकिन न तो कोई गार्ड मौजूद होता है, न ही जोखिम भरे स्थानों पर बेरिकेडिंग या निगरानी की व्यवस्था है।
विधायक ने दी थी चेतावनी, हादसा अगले ही दिन
गौर करने वाली बात यह है कि घटना से ठीक एक दिन पहले ही क्षेत्रीय विधायक अजय विश्नोई ने यहां पर्यटन विकास कार्यों का लोकार्पण करते हुए सावधानी बरतने की अपील की थी। उन्होंने आगाह किया था कि बारिश के दौरान झरनों के आसपास सतर्कता जरूरी है, लेकिन दुर्भाग्य से अगले ही दिन यह हादसा हो गया।
पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की
पुलिस ने शव मिलने के बाद परिजनों को सूचित किया और मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। एएसपी के मुताबिक, यह हादसा साफ तौर पर लापरवाही का नतीजा है और आगे ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए पुलिस की नियमित तैनाती की जा रही है।