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DAP की कमी पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में हंगामा, कांग्रेस विधायकों का धरना, डॉ. रमन सिंह नाराज़
Raipur, CG

छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र गुरुवार को जमकर हंगामे की भेंट चढ़ गया। डीएपी खाद की आपूर्ति को लेकर विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला।
विपक्ष के विधायक गर्भगृह तक पहुंच गए और बैठकर नारेबाजी करने लगे। स्थिति तब और बिगड़ गई जब विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने विपक्ष के व्यवहार को "25 साल की परंपराओं को तोड़ने वाला" करार देते हुए कार्रवाई को स्थगित कर दिया।
DAP की कमी को लेकर सरकार पर विपक्ष का वार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत और पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि किसानों को मिलने वाली डीएपी खाद प्राइवेट सेक्टर को दे दी जा रही है। उमेश पटेल ने सदन में सवाल किया कि कितना खाद स्टॉक हुआ है और कितना किसानों को बांटा गया है?
कृषि मंत्री ने स्वीकारी DAP की कमी
जवाब में कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने बताया कि राज्य को 3.10 लाख मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता है, पर जून तक केवल 1.18 लाख मीट्रिक टन ही प्राप्त हो सका है। उन्होंने खाद की कमी को राष्ट्रीय व वैश्विक समस्या बताया और कहा कि केंद्र सरकार की मदद से इस संकट को जल्द सुलझाया जाएगा।
प्रधानमंत्री का नाम आते ही विपक्ष भड़का
जब कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया, तो कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि वे भाषण दे रहे हैं, जवाब नहीं। इसके बाद विपक्षी विधायकों ने 'कृषि मंत्री इस्तीफा दो', 'DAP दो', जैसे नारों के साथ गर्भगृह में ही धरना दे दिया।
विधानसभा अध्यक्ष ने जताई नाराज़गी
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने विपक्ष के इस व्यवहार को संसदीय परंपराओं के विरुद्ध बताया। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में ऐसा आचरण पहले कभी नहीं हुआ। स्पीकर ने सभी कांग्रेस विधायकों को निलंबित करने का आदेश भी दिया, लेकिन वे नारेबाजी करते रहे।
गृह मंत्री ने भी उठाई आपत्ति
गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि जब विपक्षी विधायक निलंबित हो चुके हैं, फिर भी वे सदन में रुककर कार्यवाही बाधित कर रहे हैं, यह नई गलत परंपरा की शुरुआत है।
हाउसिंग बोर्ड की नई पॉलिसी पर चर्चा
इधर, सत्ता पक्ष के विधायक अजय चंद्राकर और सुशांत शुक्ला ने गृह निर्माण मंडल के मकानों की बिक्री को लेकर सवाल उठाए। जवाब में आवास मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि अब नई नीति लागू की गई है, जिसके तहत पहले 60% प्री-बुकिंग होने पर ही प्रोजेक्ट का टेंडर लगाया जाएगा।