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45 लाख की ठगी में रिटायर्ड जवान फंसा: स्कूटी एजेंसी के नाम पर चंडीगढ़ की कंपनी ने चार साल तक टरकाया, अब FIR दर्ज
Surguja, CG

रिटायर्ड सीआईएसएफ जवान रंजित एक्का के साथ इलेक्ट्रिक स्कूटी की एजेंसी दिलाने के नाम पर 45 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है।
जवान ने 2020 में चंडीगढ़ स्थित एक ऑटोमोबाइल कंपनी को यह राशि लोन लेकर दी थी, लेकिन चार साल बीतने के बाद न एजेंसी मिली और न ही पैसा वापस। अब जब बैंक ने जमीन की नीलामी का नोटिस थमा दिया, तो जवान ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
क्या है पूरा मामला?
गंगापुर निवासी रिटायर्ड जवान रंजित एक्का ने 2020-21 में चंडीगढ़ की OZOMO Automobiles Pvt. Ltd. से संपर्क किया था। कंपनी के डायरेक्टर रमा शर्मा ने उन्हें इलेक्ट्रिक स्कूटी की डीलरशिप देने का वादा किया और सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर 45 लाख रुपये की मांग की। इस राशि की व्यवस्था के लिए रंजित ने कैनरा बैंक से जमीन गिरवी रखकर लोन लिया।
उन्होंने किश्तों में कुल 40 लाख रुपए कंपनी को ट्रांसफर किए और बौरीपारा में 15 हजार रुपए मासिक किराए पर एक दुकान भी ले ली। किराए की रसीद और अन्य दस्तावेज कंपनी को भेजे गए। उम्मीद थी कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद डीलरशिप मिल जाएगी, लेकिन साल दर साल केवल आश्वासन मिलते रहे।
एजेंसी नहीं मिली, पैसे भी डूबे
चार साल के इंतजार के बाद जब रंजित एक्का ने एजेंसी या पैसे की मांग की, तो कंपनी के डायरेक्टर ने पैसे लौटाने से इनकार कर दिया। इससे मानसिक रूप से टूट चुके जवान ने आखिरकार गांधीनगर थाने में ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
FIR दर्ज, जांच शुरू
गांधीनगर पुलिस ने मामले की जांच के बाद कंपनी डायरेक्टर रमा शर्मा के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस अब ठगी की पूरी चेन को खंगाल रही है, ताकि अन्य पीड़ितों की जानकारी भी सामने आ सके।
बैंक की नीलामी की कार्रवाई
रंजित एक्का की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं। बैंक लोन की किश्तें न चुका पाने के कारण कैनरा बैंक ने उनकी जमीन की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जवान ने बताया कि वह अब तक दुकान का किराया 5.50 लाख रुपए भी चुका चुके हैं, जो अलग नुकसान है।