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अंधविश्वास की हैवानियत: बीमार बेटे को ठीक करने के लिए मासूम की बलि, 3 साल के अजय की निर्मम हत्या
Balrampur, CG

मानवता को झकझोर देने वाला एक भयावह मामला बलरामपुर जिले के सुलुगडीह गांव से सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने अपने मानसिक रूप से बीमार बेटे के इलाज के अंधविश्वास में डूबकर तीन साल के मासूम की बलि चढ़ा दी।
आरोपी राजू कोरवा ने सवा साल पहले अजय नगेशिया नामक बच्चे को जंगल से बहला-फुसलाकर अगवा किया और ‘महादानी देवता’ की पूजा कर उसकी निर्मम हत्या कर दी।
मिठाई का लालच देकर ले गया मासूम को
यह दिल दहला देने वाली घटना 1 अप्रैल 2024 की है। मृतक अजय के माता-पिता उस समय इलबासा जंगल में झोपड़ी बनाकर महुआ बीनने का काम कर रहे थे। उसी दौरान अजय जंगल से लापता हो गया। 6 अप्रैल को पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन सवा साल तक उसका कोई सुराग नहीं मिला।
गांव में ‘बड़ा पूजा’ की चर्चा से टूटी चुप्पी
हाल ही में गांव में यह चर्चा शुरू हुई कि राजू कोरवा ने ‘बड़ा पूजा’ किया है। इसी आधार पर मृतक के परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने जब राजू से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि उसे किसी ने सलाह दी थी कि ‘महादानी देवता’ को बालक की बलि देने से उसका बेटा ठीक हो जाएगा।
पूजा के बाद की निर्मम हत्या
आरोपी ने बताया कि उसने अजय को मिठाई और बिस्किट का लालच देकर घर बुलाया और वहां ‘देवता की पूजा’ के नाम पर लोहे की छुरी से उसका गला रेत दिया। हत्या के बाद उसने सिर को घर में छिपाया और शरीर को गांव के बाहर नाले के पास दफना दिया। कुछ दिन बाद सिर को भी डर के कारण बाहर जाकर दफना दिया।
22 हड्डियों के अवशेष बरामद, छुरी जब्त
आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने नाले के पास खुदाई कर शव के सिर और धड़ की हड्डियां बरामद कीं। हत्या में प्रयुक्त लोहे की छुरी भी बरामद कर ली गई है। तहसीलदार और एसडीएम की मौजूदगी में कार्रवाई की गई।
हत्या, अपहरण और सबूत मिटाने का मामला दर्ज
सामरी थाना पुलिस ने राजू कोरवा के खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या), 363 (अपहरण), और 201 (सबूत मिटाना) के तहत केस दर्ज किया है। 15 जुलाई को आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।