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छत्तीसगढ़ में मौसम बिगड़ा: सरगुजा-बिलासपुर में भारी बारिश और वज्रपात का खतरा, 5 दिन सतर्क रहने की जरूरत
Raipur, CG

पूरे छत्तीसगढ़ में मानसून ने जोर पकड़ लिया है। राज्य के सरगुजा और बिलासपुर संभाग के जिलों में मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक जोरदार बारिश, मेघगर्जन और वज्रपात की संभावना जताई है। इस दौरान कई इलाकों में तेज हवाओं और बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं। शनिवार को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा के आसार बने हुए हैं, लेकिन अगले कुछ दिन बेहद संवेदनशील बताए जा रहे हैं।
पिछले 24 घंटे में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा दर्ज
पिछले 24 घंटों में सरगुजा और बिलासपुर संभाग के एक-दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गई है। मानसून की सक्रियता का असर पूरे प्रदेश पर दिखने लगा है। राजधानी रायपुर और माना में अधिकतम तापमान 29.3 डिग्री सेल्सियस, जबकि राजनांदगांव में न्यूनतम तापमान 21.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
सिनोप्टिक सिस्टम: एक साथ कई चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में देश के मध्य और पूर्वी हिस्सों में एक साथ कई सक्रिय सिस्टम बने हुए हैं, जो आने वाले दिनों में प्रदेश में बारिश को और तेज कर सकते हैं।
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मानसून द्रोणिका (Monsoon Trough) समुद्र तल पर श्री गंगानगर से होते हुए कोलकाता और बंगाल की खाड़ी तक फैली है।
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उत्तर-पूर्व मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में 1.5 किमी ऊंचाई तक चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है।
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गंगा के मैदानी भागों के उत्तरी हिस्सों और पश्चिम बंगाल में 5.8 किमी ऊंचाई तक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है।
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एक और चक्रवाती परिसंचरण उत्तर गुजरात से लेकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है, जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 3.1 किमी तक है।
इन सभी सिस्टमों की मौजूदगी छत्तीसगढ़ में लगातार बारिश और तूफानी गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है।
रायपुर में दिनभर बादलों की चादर, बारिश का दौर रहेगा जारी
राजधानी रायपुर में शनिवार को दिनभर आकाश मेघाच्छादित रहेगा और रुक-रुक कर वर्षा होती रहेगी। तापमान में गिरावट आएगी और यह 24 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। नमी और ठंडी हवाओं की वजह से लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी, लेकिन निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है।
सावधानी बेहद जरूरी
मौसम विभाग ने जनता से अपील की है कि वे बिजली गिरने की चेतावनी को गंभीरता से लें। खेतों, खुले मैदानों, बिजली के खंभों और पेड़ों के नीचे रुकने से बचें। खराब मौसम के दौरान अत्यावश्यक न हो तो यात्रा टालने की सलाह दी गई है।
स्थिति पर राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) और जिला प्रशासन लगातार नजर रखे हुए हैं। यदि वर्षा की तीव्रता और बढ़ती है तो निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।