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टोल दरों में बड़ी राहत: स्ट्रक्चर वाले हाइवे पर 50% तक कटौती, सरकार ने जारी की अधिसूचना
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अब पुल, सुरंग, फ्लाईओवर पर यात्रा होगी सस्ती; 15 अगस्त से लागू होगा फास्टैग एनुअल पास
देश के लाखों वाहन चालकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) पर बने फ्लाईओवर, सुरंग, पुल और एलिवेटेड रोड जैसे स्ट्रक्चर से गुजरने वाले हिस्सों के टोल शुल्क में 50 प्रतिशत तक की कटौती का ऐलान कर दिया है। बुधवार को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस संबंध में संशोधित अधिसूचना जारी कर दी है।
क्या है अधिसूचना में?
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि अब टोल की गणना एक नई फॉर्मूला प्रणाली से की जाएगी।
अधिसूचना के अनुसार:
"राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्ट्रक्चर या स्ट्रक्चर युक्त स्ट्रेच पर टोल दरों की गणना, स्ट्रक्चर की लंबाई को छोड़ते हुए, हाइवे सेक्शन की लंबाई में उस स्ट्रक्चर की लंबाई का दस गुना जोड़कर या हाइवे सेक्शन की कुल लंबाई का पांच गुना (जो भी कम हो) के आधार पर की जाएगी।"
यह नियम नेशनल हाईवे शुल्क नियम 2008 के संशोधन के रूप में लागू किया गया है। सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है — उपभोक्ता पर भार कम करना और यात्रा को सुलभ बनाना।
अभी तक कैसे होती थी टोल गणना?
अब तक, यात्रियों को किसी भी स्ट्रक्चर (जैसे पुल, सुरंग या फ्लाईओवर) पर प्रति किलोमीटर के हिसाब से रेगुलर टोल का 10 गुना तक भुगतान करना पड़ता था। यह फॉर्मूला उच्च निर्माण लागत की वसूली के लिए तय किया गया था।
NHAI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह बदलाव इसलिए जरूरी हो गया था क्योंकि छोटे-छोटे स्ट्रेच पर अत्यधिक टोल वसूली से यात्रियों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ता था। अब इस फॉर्मूले में बदलाव कर के उचित दूरी के अनुपात में शुल्क तय किया जाएगा।
नया फास्टैग एनुअल पास: 15 अगस्त से होगा लागू
इस टोल कटौती के साथ ही सरकार ने एक और बड़ी घोषणा की है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि 15 अगस्त 2025 से फास्टैग आधारित "एनुअल पास" योजना भी शुरू की जा रही है।
🔹 इस पास की कीमत: ₹3000
🔹 मान्य अवधि: 1 वर्ष या 200 ट्रिप (जो पहले हो)
🔹 बचत: अनुमानित ₹7000 तक वार्षिक
यह पास सिर्फ नेशनल हाईवे के लिए मान्य होगा और इसका उद्देश्य रेगुलर यात्रियों को राहत देना है, खासकर उन लोगों को जो रोजाना अप-डाउन करते हैं।
किसे होगा सबसे अधिक फायदा?
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मेट्रो शहरों से जुड़े उपनगरों के यात्रियों को, जो रोज फ्लाईओवर या एलिवेटेड रोड से गुजरते हैं
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ट्रांसपोर्टर और लॉजिस्टिक्स कंपनियों को, जो लंबी दूरी तय करते हैं
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सड़क निर्माण और एक्सप्रेसवे पर निर्भर व्यवसायिक हब्स को
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आम जनता को, जो ट्रिप पर जाते समय अब बड़ी टोल स्लिप से बचेगी
क्या होगा असर?
सरकार का यह कदम स्पष्ट रूप से यात्रा लागत में कमी, राजमार्ग उपयोग में वृद्धि और उपभोक्ता संतुष्टि की दिशा में एक ठोस पहल है। साथ ही यह फैसला, सड़क पर बने इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग संतुलित और न्यायपूर्ण बनाने में भी मदद करेगा।