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उज्जैन महाकाल मंदिर में दान का रिकॉर्ड टूटा: 60 करोड़ रुपए पार, 2 साल में 12 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे
Ujjain, MP

भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन इन दिनों देश का सबसे बड़ा धार्मिक पर्यटन केंद्र बनकर उभरा है। महाकाल लोक के निर्माण के बाद न केवल श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा हुआ है, बल्कि मंदिर को मिलने वाला दान भी पिछले 4 वर्षों में चार गुना तक बढ़ गया है।
महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक के अनुसार, वर्ष 2019-20 में जहां मंदिर को 15 करोड़ रुपए का दान मिला था, वहीं 2023-24 में यह राशि बढ़कर 59.91 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। 2024-25 के अभी तक के आंकड़ों के अनुसार, मंदिर को 51.22 करोड़ रुपए का दान प्राप्त हो चुका है। यानी चालू वित्त वर्ष में भी यह आंकड़ा पिछले रिकॉर्ड को पार कर सकता है।
सिर्फ भेंटपेटी से ही करोड़ों का दान
मंदिर को मिली यह राशि केवल भेंट पेटियों में डाले गए नकद दान से है। अगर मंदिर की अन्य आय स्त्रोतों जैसे प्रसाद, पार्किंग, महाकाल लोक के टिकटिंग सिस्टम और अन्य सेवाओं को शामिल किया जाए तो कुल आय एक अरब रुपए से अधिक हो चुकी है।
श्रद्धालुओं की संख्या में 39% की वृद्धि
महाकाल लोक खुलने के बाद उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है।
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वर्ष 2023 में 5.28 करोड़ श्रद्धालु महाकाल के दर्शन को आए थे।
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वहीं, 2024 में यह आंकड़ा 7.32 करोड़ पहुंच गया — यानी 39% की वार्षिक वृद्धि।
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बीते दो वर्षों में कुल 12.32 करोड़ श्रद्धालु उज्जैन पहुंच चुके हैं।
पहले की तुलना में तीन गुना भीड़
मंदिर प्रशासन के अनुसार, पहले महाकाल मंदिर में प्रतिदिन 40 से 50 हजार श्रद्धालु आते थे, लेकिन अब यह संख्या 1.5 से 2 लाख प्रतिदिन हो गई है। त्योहारी सीजन में यह आंकड़ा 3 लाख से भी ऊपर चला जाता है।
देश का नंबर-1 धार्मिक केंद्र बना उज्जैन
इन आंकड़ों के आधार पर उज्जैन ने देश के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे काशी, वृंदावन, तिरुपति और वैष्णो देवी को श्रद्धालु संख्या और दान की दृष्टि से पीछे छोड़ दिया है। महाकाल लोक के चलते उज्जैन अब भारत का सबसे तेजी से उभरता धार्मिक टूरिज्म हब बन गया है।