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जब गांव में उतरा CM विष्णुदेव साय का हेलीकॉप्टर, सुशासन तिहार में मुख्यमंत्री ने सबको चौंकाया
Raipur, cg

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुशासन तिहार 2025 के तहत सक्ती जिले के करिगांव में अचानक पहुंचकर ग्रामवासियों को चौंका दिया।
मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर अचानक बंदोरा गांव में उतरा, जो प्रशासन के लिए एक आश्चर्यजनक स्थिति बन गई, क्योंकि पहले से ही लिमगांव में उनकी अगवानी की तैयारी की जा रही थी। इस बदलाव से प्रशासन को कुछ समय के लिए असमंजस का सामना करना पड़ा, लेकिन तत्परता से व्यवस्थाएं करिगांव में स्थानांतरित की गईं।
मुख्यमंत्री ने सीधे पीपल के पेड़ के नीचे चौपाल लगाई और ग्रामीणों से खुलकर बातचीत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर ग्रामवासी खासकर महिलाएं बेहद खुश नजर आईं। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री का स्वागत कमल का फूल देकर किया। मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश दिए।
सुशासन का मतलब है सीधे जनता से संवाद:
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में कहा कि सुशासन का असली मतलब है जनता के बीच जाकर उनकी वास्तविक समस्याओं को समझना और तत्काल समाधान देना। उनका मानना है कि प्रशासन तभी सफल होता है जब अंतिम व्यक्ति की बात सीधे शासन तक पहुंचती है।
महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी:
इस दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से पीएम आवास योजना, महतारी वंदन योजना, आयुष्मान योजना, और धान के बोनस के बारे में जानकारी ली और उनसे जुड़ी समस्याओं का तत्काल समाधान किया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने घरों का निरीक्षण भी किया, जैसे सोनाई बाई के घर में बनाए गए आवास का दौरा किया।
आर्थिक सुधार और अपील:
मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की कि वे गर्मी के दिनों में केवल धान की बजाय अन्य फसलें भी उगाएं, जिससे पानी की खपत कम होगी और बिजली बिल में भी राहत मिलेगी। उन्होंने इस दिशा में किसानों को सलाह दी कि यह उनके लिए अधिक लाभकारी साबित होगा।
नए विकास कार्यों की घोषणा:
मुख्यमंत्री ने ग्रामवासियों की मांग पर करिगांव में नया पंचायत भवन बनाने, गांव में पटवारी कार्यालय संचालित करने, और नोनी मईया देवी मंदिर के सौंदर्यीकरण की घोषणा की। साथ ही, उन्होंने अवैध भूमि कब्जे की शिकायतों की जांच कर नियमानुसार कार्रवाई करने की बात भी कही।
मुख्यमंत्री के इस अचानक दौरे से यह साबित हो गया कि वे अपने सुशासन का असली मतलब जनता से सीधे संवाद करने में मानते हैं और उनके सुख-दुःख का समाधान प्राथमिकता से करना चाहते हैं।