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58 करोड़ बैंक लोन घोटाला: इंदौर में उमेश शहरा और सीए से जुड़े ठिकानों पर ईडी की बड़ी छापेमारी
Indore, MP
दिल्ली से आई टीम ने चार ठिकानों पर की कार्रवाई, बैंक रिकॉर्ड और लेनदेन से जुड़े अहम दस्तावेज जब्त
मध्य प्रदेश के इंदौर में 58 करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। दिल्ली से आई ईडी की विशेष टीम ने बुधवार को शहर के अलग-अलग इलाकों में कारोबारी उमेश शहरा, उनकी कंपनी से जुड़े चार्टर्ड अकाउंटेंट ईश्वर और उनसे संबंधित कुल चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस दौरान बैंक रिकॉर्ड, लेनदेन से जुड़े कागजात और अन्य वित्तीय दस्तावेज जब्त कर गहन जांच की गई। कार्रवाई के बाद ईडी की टीम दस्तावेजों के साथ दिल्ली रवाना हो गई है।
किस मामले में हुई कार्रवाई
ईडी सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई वर्ष 2021 में सामने आए 58 करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले से जुड़ी है। आरोप है कि फर्जी और भ्रामक दस्तावेजों के आधार पर बैंक ऑफ बड़ौदा से भारी-भरकम लोन लिया गया और तय समय पर उसकी अदायगी नहीं की गई। इससे बैंक को बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे धन शोधन से जुड़ा मानते हुए ईडी ने जांच अपने हाथ में ली।
कहां-कहां पड़ी दबिश
ईडी की टीम ने इंदौर के विभिन्न व्यावसायिक और आवासीय इलाकों में स्थित चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इनमें उमेश शहरा से जुड़े परिसर, कंपनी से संबंधित कार्यालय और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट के ठिकाने शामिल हैं। दिनभर चली कार्रवाई के दौरान दस्तावेजों की जांच के साथ डिजिटल रिकॉर्ड भी खंगाले गए।
जांच का फोकस क्या है
जांच एजेंसी इस बात की पड़ताल कर रही है कि लोन की राशि का उपयोग किस उद्देश्य से किया गया और पैसा किन-किन खातों के जरिए कहां पहुंचा। ईडी मनी ट्रेल, लोन स्वीकृति की प्रक्रिया और दस्तावेजों की भूमिका को बारीकी से जांच रही है। इस मामले में रुचि ग्लोबल के कर्ताधर्ता भी एजेंसी के रडार पर बताए जा रहे हैं।
शिकायत कैसे पहुंची ईडी तक
सूत्रों के मुताबिक, वर्ष 2021 में बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारियों ने रुचि ग्लोबल और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ ईडी में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक से लोन हासिल किया गया और बाद में भुगतान में जानबूझकर चूक की गई।
कानूनी कार्रवाई और आगे की स्थिति
ईडी ने इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की है। फिलहाल जब्त दस्तावेजों और बैंक रिकॉर्ड का दिल्ली में विश्लेषण किया जाएगा। जांच में यदि धन शोधन या अन्य गंभीर वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि होती है तो आने वाले दिनों में पूछताछ, कुर्की और अन्य सख्त कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है। यह मामला आज की ताज़ा ख़बरों में एक अहम सरकारी अपडेट और पब्लिक इंटरेस्ट स्टोरी के रूप में देखा जा रहा है।
