भोपाल मेट्रो शुरू: 3 मिनट में स्टेशन, ₹20 से किराया; जानिए रूट, टाइमिंग और सुविधाएं

भोपाल (म.प्र.)

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20 दिसंबर को उद्घाटन, 21 दिसंबर से आम यात्रियों के लिए शुरू होगी भोपाल मेट्रो की पहली सेवा

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल शुक्रवार को आधिकारिक रूप से मेट्रो सिटी बन गई। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर का उद्घाटन किया। आम यात्रियों के लिए मेट्रो सेवा 21 दिसंबर सुबह 9 बजे से शुरू होगी। पहले चरण में मेट्रो सुभाष नगर से एम्स तक 6.22 किलोमीटर लंबे रूट पर चलेगी।

भोपाल मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अनुसार, इस रूट पर कुल 8 स्टेशन शामिल हैं—सुभाष नगर, केंद्रीय स्कूल, डीबी मॉल, एमपी नगर, रानी कमलापति, डीआरएम ऑफिस, अलकापुरी और एम्स। मेट्रो एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक महज 2 से 3 मिनट में पहुंचेगी। पूरे रूट की यात्रा लगभग 40 मिनट में पूरी होगी।

सेवा की शुरुआत के साथ ही एक दिन में कुल 17 ट्रिप संचालित की जाएंगी। इनमें 9 ट्रिप एम्स से सुभाष नगर और 8 ट्रिप सुभाष नगर से एम्स की ओर होंगी। पहली ट्रेन सुबह 9 बजे एम्स से चलेगी, जबकि आखिरी ट्रेन शाम 5 बजे रवाना होकर 6.25 बजे सुभाष नगर पहुंचेगी। पूरे दिन का संचालन 75 मिनट के भीतर ट्रिप साइकिल में पूरा किया जाएगा।

किराए को तीन जोन में बांटा गया है। पहले दो स्टेशन तक यात्रा का किराया ₹20 रखा गया है। तीन से पांच स्टेशन तक ₹30 और छह से आठ स्टेशन तक अधिकतम ₹40 किराया देना होगा। मेट्रो प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल किसी प्रकार की शुरुआती छूट लागू नहीं की जाएगी। इस कारण भोपाल मेट्रो का न्यूनतम किराया दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे शहरों की तुलना में अधिक है।

मेट्रो ट्रेन में यात्रियों की कुल क्षमता लगभग 980 है। तीन कोच वाली एक ट्रेन में सीमित बैठने की व्यवस्था है, जबकि अधिकांश यात्री खड़े होकर सफर करेंगे। कोचों में ऑटोमैटिक दरवाजे, डिजिटल डिस्प्ले, ऑडियो अनाउंसमेंट और मोबाइल चार्जिंग पॉइंट उपलब्ध हैं। हर स्टेशन पर ट्रेन करीब 2 मिनट रुकेगी।

सुरक्षा के लिहाज से सभी कोच और स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे, आपातकालीन बटन और इंटरकॉम सिस्टम लगाए गए हैं। किसी भी इमरजेंसी में यात्री सीधे ट्रेन ऑपरेटर से संपर्क कर सकेंगे। दिव्यांग यात्रियों के लिए व्हीलचेयर स्पेस, ब्रेल लिपि, स्पर्शनीय टाइलें और ‘लॉन्ग स्टॉप रिक्वेस्ट बटन’ की सुविधा दी गई है।

भोपाल मेट्रो परियोजना का काम वर्ष 2018 में शुरू हुआ था। अक्टूबर 2023 में पहला ट्रायल रन हुआ था। अधिकारियों के मुताबिक, भविष्य में बिना ड्राइवर मेट्रो चलाने की भी योजना है। शहर के लिए यह परियोजना सार्वजनिक परिवहन को नई दिशा देने और ट्रैफिक दबाव कम करने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है।

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