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पहलगाम आतंकी हमले पर दिग्विजय सिंह का सरकार से सवाल, भाई लक्ष्मण सिंह के बयान का किया विरोध
Gwalior

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर गहरी चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से सवाल किए हैं। उन्होंने कहा कि इस दर्दनाक और कायराना हमले की जितनी निंदा की जाए, वह कम है, लेकिन सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि सुरक्षा व्यवस्था में आखिर चूक कहां हुई।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिस पहलगाम को भारत का मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता है और जहां हजारों पर्यटक आते हैं, वहां पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम क्यों नहीं थे। उन्होंने मांग की कि इस चूक के लिए जो भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
गृहमंत्री के दावों पर उठाए सवाल
दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा। उन्होंने याद दिलाया कि अमित शाह ने राज्यसभा में आतंकवाद समाप्त होने के दावे किए थे, लेकिन हालिया घटनाएं बताती हैं कि आतंकवाद पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। दिग्विजय ने कहा कि नोटबंदी और अनुच्छेद 370 हटाने के बावजूद आतंकवादी घटनाएं जारी हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी आतंकवाद के खिलाफ सरकार के साथ है और इस लड़ाई में एकजुट होकर खड़ी है।
पाकिस्तान की परमाणु हमले की धमकी पर टिप्पणी
पाकिस्तान की ओर से दी गई परमाणु हमले की धमकी को दिग्विजय सिंह ने "गीदड़ भभकी" करार दिया। उन्होंने सिंधु नदी जल संधि के संदर्भ में कहा कि नदी का प्रवाह प्रकृति पर निर्भर करता है और बिना बांध के पानी को रोकना संभव नहीं है। ऐसे में किसी भी बड़े बदलाव के लिए समय और संसाधनों की आवश्यकता होगी।
भाई लक्ष्मण सिंह के बयान का किया विरोध
दिग्विजय सिंह ने अपने भाई और कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह के बयानों का भी विरोध किया। लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला को लेकर सवाल उठाए थे और उमर को आतंकियों का समर्थक बताया था। इस पर दिग्विजय ने कहा कि वह लक्ष्मण सिंह के बयान से असहमत हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि कश्मीर घाटी आज भी देश के साथ है और शेख अब्दुल्ला तथा नेहरू जी की दोस्ती और भरोसे की बदौलत ही यह संभव हुआ है। उन्होंने राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा कि राहुल हर विषय पर सोच-समझकर बोलते हैं।