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दिव्यांग बच्चे हवाई जहाज से आज करेंगे जबलपुर से इंदौर की यात्रा
JAGRAN DESK

सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा दिव्यांग बच्चों को हवाई यात्रा कराई जाएगी. जिसके तहत अंधमूक बाईपास स्थित शासकीय श्रवण बाधितार्थ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के 5 दिव्यांग बच्चे मंगलवार को जबलपुर से वायुयान द्वारा इंदौर भ्रमण के लिए रवाना होंगे.
मध्य प्रदेश में आज 7 जनवरी को दिव्यांग बच्चों को मुफ्त में जबलपुर से इंदौर की यात्राकरायी जाएगी. सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की प्रमुख सचिव सोनाली पोंक्षे वायंगणकर के मार्गदर्शन और सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के आयुक्त डॉ. आरआर भोंसले के निर्देशानुसार दिव्यांग बच्चों को 7 जनवरी, 2025 को हवाई जहाज द्वारा इंदौर शहर का भ्रमण कराया जायेगा. न्यायिक एकेडमी जबलपुर में आयोजित दिव्यांग बच्चों की सुरक्षा के लिये आयोजित “संवाद'' कार्यक्रम में न्यायमूर्ति (Justice) आनंद पाठक एवं किशोर न्यायालय सचिव की उपस्थिति में दिव्यांग बच्चों ने फ्लाइट द्वारा यात्रा की मंशा जाहिर की थी. उनकी इस इच्छा को पूर्ण करने के लिये सामाजिक न्याय विभाग द्वारा दिव्यांग बच्चों को हवाई यात्रा करायी जा रही है.
इंदौर में कहां घूमेंगे बच्चे?
इस यात्रा के दौरान बच्चे इंदौर के राजवाड़ा, 56 दुकान का पकवान एवं चिड़ियाघर का भ्रमण करेंगे और खजराना गणेश मंदिर में दर्शन करेंगे. हवाई यात्रा में आने-जाने के दौरान इन बच्चों का ध्यान रखने के लिये 2 शिक्षक, 2 अभिभावक और 2 जेजेसी सदस्य साथ में रहेंगे.
चुनौतियों को स्वीकार करने वाले सच्चे वीर : CM
हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान सीएम मोहन यादव ने कहा था कि दिव्यांगता का सामना कर रहे व्यक्ति वास्तव में चुनौतियों को स्वीकार करने वाले सच्चे वीर हैं. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा था कि दिव्यांगजनों की सेवा और कल्याण आंतरिक सुख का विषय है, उनकी सेवा से प्राप्त अनुभव और अनुभूति अलौकिक है. दिव्यांगजनों के साथ समरसता पूर्ण व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए समाज में उनके प्रति विद्यमान दृष्टिदोष को दूर करना आवश्यक है. हर वस्तु, स्थिति और क्षण का अपना अलग आनंद और विशेष अनुभव होता है, जो जीवन को नई अनुभूतियों से भर देता है. प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति में कोई न कोई प्रतिभा अवश्य होती है, उसे चिन्हित कर निखारने और प्रोत्साहित करने से दिव्यांगजन की ऊर्जा का उपयोग समाज हित में किया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संवेदनशीलता के परिणामस्वरूप ही विकलांग जैसे कटु अनुभूति देने वाले शब्द को बदलकर दिव्यांग का सम्मानजनक संबोधन प्रदान किया गया.