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एमपी में ठंड का डबल अटैक: मालवा-निमाड़ में तापमान 5° से नीचे, 13 जिलों में घने कोहरे का अलर्ट
Bhopal, MP
मध्य प्रदेश में सर्दी ने अपना तीखा रूप दिखाना शुरू कर दिया है। प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान लगातार गिर रहा है, जबकि उत्तरी जिलों में घना कोहरा जनजीवन को प्रभावित कर रहा है। सबसे ज्यादा ठंड मालवा-निमाड़ क्षेत्र में महसूस की जा रही है, जहां कई शहरों में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है।
उत्तर एमपी में घना कोहरा, विजिबिलिटी बेहद कम
ग्वालियर-चंबल, रीवा और सागर संभाग के जिलों में सुबह के समय घना कोहरा छाया हुआ है। हालात ऐसे हैं कि कई इलाकों में एक किलोमीटर से आगे कुछ भी साफ दिखाई नहीं दे रहा। शुक्रवार सुबह भी प्रदेश के 13 जिलों में कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है।
इन जिलों में कोहरे की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को
ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में घना कोहरा छा सकता है।
इसके अलावा भोपाल, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, राजगढ़, देवास, सीहोर, रायसेन और विदिशा में भी कोहरा रहने की संभावना है। इन क्षेत्रों में विजिबिलिटी 1 से 4 किलोमीटर तक सिमट सकती है।
प्रदेश में सबसे ठंडा रहा कल्याणपुर
बुधवार-गुरुवार की रात तापमान में और गिरावट दर्ज की गई।
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भोपाल: 5.4 डिग्री
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इंदौर: 4.5 डिग्री
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उज्जैन: 7.3 डिग्री
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ग्वालियर: 9.3 डिग्री
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जबलपुर: 9.2 डिग्री
प्रदेश में सबसे कम तापमान शहडोल जिले के कल्याणपुर में दर्ज किया गया, जहां पारा 3.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। मालवा-निमाड़ के इंदौर, उज्जैन, मंदसौर और शाजापुर में भी ठंड बेहद तेज बनी हुई है।
कोहरे में ड्राइविंग को लेकर एडवाइजरी
मौसम विभाग और विशेषज्ञों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है—
ट्रैफिक सलाह
कोहरे में वाहन धीरे चलाएं, फॉग लाइट का इस्तेमाल करें और सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
स्वास्थ्य सलाह
ठंड से बचने के लिए सिर, गर्दन और हाथ-पैर ढंके रखें। सर्दी-खांसी या फ्लू के लक्षण दिखें तो डॉक्टर से संपर्क करें। विटामिन-सी युक्त फल-सब्जियां खाएं।
कृषि सलाह
जहां मिट्टी में नमी हो वहां गेहूं, चना, सरसों और मटर की बुआई की जा सकती है। पहले से बोई गई फसलों के लिए कृषि विशेषज्ञों से सलाह लें। खेतों में फसल अवशेष जलाने से बचें।
जेट स्ट्रीम ने बढ़ाई ठंड
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार प्रदेश में ठंड बढ़ने की एक बड़ी वजह जेट स्ट्रीम भी है। यह जमीन से करीब 12 किलोमीटर ऊंचाई पर बहने वाली तेज हवा होती है।
हाल के दिनों में इसकी रफ्तार 195 से 222 किलोमीटर प्रति घंटा तक दर्ज की गई है। पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवाओं और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों की ठंडी हवा के साथ मिलकर यह सर्दी को और तेज कर रही है।
