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एमपी में झमाझम बारिश का असर: 54 बड़े डैम पानी से लबालब, कई ओवरफ्लो; ग्वालियर सहित 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, नर्मदा घाटों के मंदिर डूबे
BHOPAL, MP

मध्यप्रदेश में मानसून की जबरदस्त सक्रियता से हालात बदले हुए हैं।
बीते एक महीने से जारी तेज बारिश के चलते प्रदेश के 54 बड़े बांधों में जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिनमें से कई ओवरफ्लो हो चुके हैं। बाणसागर, बरगी, सतपुड़ा, जोहिला जैसे प्रमुख डैमों के गेट खोलने पड़े हैं, ताकि अतिरिक्त पानी की निकासी हो सके।
डिंडौरी-मंडला में नर्मदा उफनाई, मंदिर डूबे
पूर्वी मध्यप्रदेश के डिंडौरी और मंडला जिलों में नर्मदा नदी खतरे के निशान के पार बह रही है। डिंडौरी में घाटों पर बने कई प्राचीन मंदिर पानी में समा गए हैं, जबकि मंडला में सड़कों पर तीन फीट तक पानी भर चुका है। शहडोल के बाणसागर डैम के 8 गेट और सतपुड़ा डैम के 5 गेट खोलने की नौबत आ गई है।
अगले 48 घंटे का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, ग्वालियर संभाग के 12 जिलों—ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, भिंड, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पन्ना, छतरपुर और सतना में भारी बारिश का अलर्ट है। यहां अगले 24-48 घंटों में 4.5 इंच तक वर्षा हो सकती है। वहीं, भोपाल और इंदौर में हल्की बारिश के आसार हैं।
प्रदेश में औसत से 7.5 इंच ज्यादा बारिश
मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा के मुताबिक, एक मानसून ट्रफ प्रदेश के ऊपर सक्रिय है, जिससे अगले दो दिन भारी बारिश की संभावना बनी रहेगी। अब तक प्रदेश में 18.5 इंच औसत बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य तौर पर इस समय तक 11 इंच होनी चाहिए थी। यानी इस बार मानसून ने औसत से 7.5 इंच ज्यादा पानी बरसाया है।
कहां-कहां कितना पानी गिरा?
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जबलपुर-ग्वालियर: 1.1 इंच
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पचमढ़ी: 1 इंच
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मंडला: 0.75 इंच
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दतिया: 0.6 इंच
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अन्य जिलों में भी वर्षा जारी: रीवा, सीधी, उज्जैन, रतलाम, दमोह, बालाघाट, शहडोल, बैतूल, आलीराजपुर, मऊगंज आदि।
बढ़ते जलस्तर वाले प्रमुख बांध:
बाणसागर, बरगी, सतपुड़ा, गांधीसागर, ओंकारेश्वर, इंदिरा सागर, केरवा, कलियासोत, कुंडालिया, राजघाट, मोहनपुरा, पेंच, तिघरा सहित कुल 54 डैमों में पानी की भारी आमद हुई है। भोपाल के बड़ा तालाब में भी जलस्तर बढ़ रहा है और 6.5 फीट तक पहुंचने पर भदभदा डैम के गेट खोलने पड़ सकते हैं।