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सेक्स वीडियो वायरल मामले में बोले BJP नेता मनोहर धाकड़: "मैं था ही नहीं", कॉमेडियन राजीव निगम ने कसा तंज – "तो फिर केस क्यों करोगे?"
Mandsore, MP

एक्सप्रेस-वे पर अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता मनोहर लाल धाकड़ एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। वीडियो वायरल होने के बाद उनकी गिरफ्तारी, फिर कुछ ही घंटों में जमानत पर रिहाई, और अब उनके बयान ने इस मामले को और भी गर्म कर दिया है। वहीं कॉमेडियन राजीव निगम ने भी उनके ताजा बयान पर हाजिरजवाबी अंदाज़ में तंज कसा है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
क्या है मामला?
हाल ही में एक अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें एक व्यक्ति कथित तौर पर एक महिला के साथ आपत्तिजनक अवस्था में एक्सप्रेसवे पर दिखाई दे रहा है। दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रहे शख्स BJP के स्थानीय नेता मनोहर लाल धाकड़ हैं।
मनोहर धाकड़ का बचाव: "वायरल वीडियो फर्जी है"
मनोहर धाकड़ ने सामने आकर सफाई दी कि—
“वायरल वीडियो फर्जी है। उसमें मैं नहीं हूं, और जो गाड़ी उसमें दिख रही है, वह भी मेरी नहीं है। मैंने वो गाड़ी पहले ही बेच दी थी।”
उन्होंने कहा कि वो न्यायालय में अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे और जो लोग उनकी छवि खराब करने के लिए वीडियो वायरल कर रहे हैं, उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराएंगे।
कॉमेडियन राजीव निगम का कटाक्ष
मनोहर धाकड़ के इस बचाव पर मशहूर कॉमेडियन राजीव निगम ने सोशल मीडिया पर तीखा तंज कसा। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“जब तुम थे ही नहीं तो तुम केस क्यों करोगे?”
राजीव यहीं नहीं रुके। उन्होंने यह भी लिखा:
“जिन्होंने वीडियो वायरल किया उन्हें बर्खास्त कर दिया, लेकिन इन्हें नहीं – यही है बीजेपी!”
उनकी यह टिप्पणी तेजी से वायरल हो रही है और सोशल मीडिया पर बहस का विषय बनी हुई है।
वीडियो वायरल करने वाले तीन कर्मचारी बर्खास्त
सूत्रों के मुताबिक, इस कथित वीडियो को वायरल करने वाले तीन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। इससे राजनीतिक गलियारों में यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या दोषी सिर्फ वो कर्मचारी हैं? या फिर राजनीतिक रसूख के चलते नेताओं पर कार्रवाई से परहेज़ किया गया?
राजनीतिक प्रतिक्रिया और जन प्रतिक्रिया
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर आम जनता, राजनीतिक विश्लेषक और विपक्षी दल बीजेपी पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगा रहे हैं।
जनता के बीच सवाल यह भी है कि—
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यदि वीडियो फर्जी है, तो जांच से डर क्यों?
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क्या सिर्फ बयान देकर नेता अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं?