- Hindi News
- राज्य
- मध्य प्रदेश
- जल गंगा संवर्धन अभियान का भव्य समापन: वर्चुअली जुड़ेंगे प्रधानमंत्री मोदी, CM करेंगे ₹1518 करोड़ की
जल गंगा संवर्धन अभियान का भव्य समापन: वर्चुअली जुड़ेंगे प्रधानमंत्री मोदी, CM करेंगे ₹1518 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण
Khandwa, MP

मध्य प्रदेश में जल स्रोतों के संरक्षण को समर्पित 90 दिवसीय जल गंगा संवर्धन अभियान का भव्य समापन आज खंडवा में आयोजित किया गया।
इस विशेष अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्यम से जुड़ेंगे और संबोधित भी करेंगे। वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित रहकर ₹1518 करोड़ की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और भूमि पूजन करेंगे।
अभियान के तहत किए गए नवाचार
30 मार्च से 30 जून तक चले इस राज्यव्यापी अभियान के तहत जल संरक्षण की दिशा में कई नवाचार हुए। मनरेगा योजना के अंतर्गत 57,207 जल संरक्षण कार्य, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 888 वॉटरशेड प्रोजेक्ट्स, और तकनीकी निगरानी के लिए वॉटरशेड वर्क मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर का लोकार्पण किया गया।
विकास कार्यों की सौगात
मुख्यमंत्री यादव कार्यक्रम के दौरान जल संसाधन विभाग की चार प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं — भाम राजगढ़, बिहार सारोला बैराज, लाजैरा बैराज और हापला दीपला लघु सिंचाई योजना का लोकार्पण करेंगे। इन परियोजनाओं से 7260 किसानों को लाभ और 8557 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई संभव होगी।
नर्मदा घाटी विकास विभाग की जावर माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना का भी लोकार्पण किया जाएगा, जिसकी लागत ₹563.72 करोड़ है। इससे खंडवा के 52 ग्रामों के 21,666 किसानों की 26,000 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी।
अमृत सरोवर और जल संरचनाओं का लोकार्पण
नगरीय विकास एवं आवास विभाग की ओर से अमृत 2.0 योजना के तहत ₹50 करोड़ की लागत से 74 जल संग्रहण संरचनाओं का जीर्णोद्धार किया गया है, जिनका आज लोकार्पण होगा।
90 दिन में दिखा प्रभाव
इस अभियान के दौरान 84,930 खेत तालाब, 1,283 अमृत सरोवर और 1,04,294 कूप रिचार्ज पिट का निर्माण हुआ। मानसून की पहली बारिश में ही इन संरचनाओं में जल संचय दिखने लगा है, जिससे भूजल स्तर बढ़ रहा है। पहली बार तकनीक आधारित सिपरी और प्लानर सॉफ्टवेयर से जल प्रबंधन की कार्ययोजना तैयार कर कार्य हुआ है।
प्रदेश ने तय किया जल संरक्षण का नया मानदंड
जल गंगा संवर्धन अभियान के जरिए मध्य प्रदेश ने जल प्रबंधन और संरक्षण के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस अभियान से सिंचाई, पेयजल और भूजल रिचार्ज के क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम मिलने लगे हैं।