- Hindi News
- राज्य
- मध्य प्रदेश
- भोपाल में पिछड़ी जातियों की गूंज: 32 जातियों को केंद्रीय सूची में शामिल करने की जनसुनवाई
भोपाल में पिछड़ी जातियों की गूंज: 32 जातियों को केंद्रीय सूची में शामिल करने की जनसुनवाई
Bhopal, MP
.jpg)
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर शुक्रवार को भोपाल पहुंचे, जहां उन्होंने मध्यप्रदेश की 32 पिछड़ी जातियों को केंद्रीय पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल किए जाने की मांगों पर जनसुनवाई की। यह सुनवाई राजधानी के वीआईपी स्टेट गेस्ट हाउस लालघाटी स्थित सभागार में आयोजित की गई।
सुनवाई के दौरान आयोग के समक्ष प्रदेश की विभिन्न जातियों के प्रतिनिधियों ने अपने इतिहास, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और परंपराओं का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्रीय सूची में शामिल न होने के कारण उनके समुदाय को राष्ट्रीय स्तर पर आरक्षण व अन्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
आयोग की उपस्थिति और समन्वय
इस महत्वपूर्ण बैठक में आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर के साथ सदस्य भुवन भूषण कमल, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया, सदस्य सीताराम यादव एवं सचिव देवेश मिश्रा भी उपस्थित रहे। पिछड़ा वर्ग विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी भी सुनवाई के दौरान मौजूद रहे और आयोग के निर्देशों को अमल में लाने की प्रक्रिया पर चर्चा हुई।
किन जातियों ने की केंद्रीय सूची में शामिल होने की मांग?
सुनवाई में 32 जातियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इनमें शामिल हैं:
-
दवेज, भोपा मनभाव, दमामी, हरिदास, कोहरी, फूलमाली (फूलमारी), कलार, जायसवाल, डउसेना, लोढ़ा (तंवर)
-
गोलान, गौलान, गवलान, जादम, कुडमी, रूआला-रूहेला, अब्बासी, सक्का, घोषी गवली, गोली
-
लिंगायत, महाकुल (राउत), थारवार, जमना लोधी, मनधाव डूकर, कोल्हाटी, घड़वा, झारिया, वोवरिया, मोवार, रजवार, सुत सारथी, तेलंगा, तिलंगा, गयार-परधनिया, बया महरा-कौशल, वया थोरिया, खरादी, कमलीगर, संतराम, शेख मेहतर
इन जातियों के लोगों का कहना है कि राज्य सूची में वे पहले से शामिल हैं, लेकिन केंद्रीय सूची में नाम न होने से उन्हें केंद्र सरकार की नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा।
क्या होगा आगे?
राज्य आयोग की ओर से सभी प्रस्तावित जातियों के पक्ष में रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे राष्ट्रीय आयोग को सौंपा जाएगा। उसके बाद केंद्र सरकार इन जातियों को केंद्रीय सूची में शामिल करने पर अंतिम निर्णय लेगी।