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गुना में पहली बारिश ने मचाई तबाही: तेज़ आंधी और मूसलधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
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जिले में इस मौसम की पहली झमाझम बारिश जहां भीषण गर्मी और उमस से राहत लाई, वहीं यह तेज़ आंधी और तूफानी हवाओं के साथ तबाही का पैगाम भी लाई। शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे मौसम ने अचानक करवट ली और तेज़ हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई, जो लगभग एक घंटे तक लगातार जारी रही।
बारिश के बाद गुना शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में पेड़ गिरने, कच्चे मकानों के ढहने, बिजली आपूर्ति बाधित होने और जलभराव जैसी घटनाओं से भारी नुकसान हुआ।
गुना शहर में पेड़ों के गिरने और जलभराव से हालात बिगड़े
शहर के जाट मोहल्ला, मंदिर घाट, राधा कॉलोनी जैसे इलाकों में वर्षों पुराने पेड़ गिर गए, जिससे कई स्थानों पर बिजली सप्लाई बाधित हो गई और यातायात रुका रहा। विकास नगर और कुशमौदा में कच्चे मकानों के टीनशेड उड़ गए, जिससे लोग दहशत में आ गए।
जयस्तंभ चौक स्थित पुराने आरटीओ भवन की बाउंड्री दीवार भी तेज हवाओं में ढह गई, जिससे आसपास खड़ी गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुईं। शहर के प्रमुख मार्गों जैसे जयस्तंभ चौराहा, हनुमान चौराहा, श्रीराम कॉलोनी और कर्नलगंज में गंभीर जलभराव देखा गया, जिसका कारण नगर पालिका की लापरवाही से समय पर नालियों की सफाई न होना बताया गया।
कलेक्ट्रेट भवन भी जलभराव की चपेट में
करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित नई कलेक्ट्रेट बिल्डिंग भी इस बारिश से नहीं बच सकी। बरामदों और हॉल में पानी भर गया और सीलिंग से पानी टपकने की तस्वीरों ने नगर निगम की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह दर्शाता है कि बड़ी लागत से तैयार सरकारी भवन भी बारिश के एक झटके में असहाय हैं।
ग्रामीण इलाकों में भी भारी नुकसान, कई परिवार बेघर
म्याना और आसपास के गांवों में तेज हवाओं और बारिश ने कई कच्चे घरों को पूरी तरह ढहा दिया। छप्पर, कवेलू और टीन उड़ गए और कई परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए। बिजली पोल टूटकर घरों और सड़कों पर गिर गए, जिससे विद्युत आपूर्ति पूरी तरह चरमरा गई। कुछ क्षेत्रों में ट्रांसफॉर्मर फुंकने की खबरें भी सामने आई हैं।
गर्मी से मिली राहत, लेकिन चिंता भी बढ़ी
बारिश से पहले जिले का तापमान 42.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। ऐसे में यह बारिश तुरंत ठंडक लेकर आई, लेकिन तबाही के दृश्य चिंता का विषय बन गए। लोगों ने राहत तो महसूस की, लेकिन उसकी कीमत जलभराव, बिजली कटौती और टूटे मकानों के रूप में चुकानी पड़ी।
नगर पालिका की तैयारियां सवालों के घेरे में
बारिश ने नगरपालिका की तैयारियों की पोल खोल दी है। जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने, नालियों की समय पर सफाई न होने और आपदा प्रबंधन की सुस्त रफ्तार ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि यदि समय रहते सुधार नहीं हुए, तो मानसून में हालात और भी बदतर हो सकते हैं।
नागरिकों ने जिला प्रशासन से तत्काल सभी वार्डों की नालियों की सफाई, पेड़ों की छंटाई और बिजली व्यवस्था की मरम्मत की मांग की है, ताकि अगली बारिश राहत का कारण बने, आफत नहीं।