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रिटायर्ड अफसर से मनी-लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर ठगे 59 लाख रुपए: जयपुर से दो ठग गिरफ्तार
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राजधानी जबलपुर में साइबर ठगों ने एक बुजुर्ग दंपत्ति को मनी-लॉन्ड्रिंग और गिरफ्तारी का भय दिखाकर 59 लाख रुपए से अधिक की ठगी कर ली।
खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताने वाले कॉलर ने महिला को भरोसा दिलाया कि उनके नाम से फर्जी एटीएम कार्ड और आधार के ज़रिए करोड़ों का लेन-देन हुआ है और जल्द ही पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने घर पहुंचने वाली है।
डर के माहौल में दंपत्ति ने अपनी संपूर्ण रिटायरमेंट की रकम तीन बार में ट्रांसफर कर दी। जब कॉल आना बंद हुआ, तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ। साइबर सेल ने कार्रवाई करते हुए राजस्थान के जयपुर से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जो देशभर में इस प्रकार की ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे।
कैसे हुआ 59 लाख की ठगी का जाल तैयार
घटना 10 जनवरी की है। यादव कॉलोनी निवासी 61 वर्षीय शशि शर्मा को एक अनजान कॉल आया। कॉलर ने कहा कि उनके नाम से नरेश गोयल नामक व्यक्ति ने फर्जी एटीएम और आधार कार्ड बनवाकर मनी लॉन्ड्रिंग की है। कॉलर ने धमकी दी कि दो घंटे में सिम बंद हो जाएगा और पुलिस गिरफ्तार करने आ जाएगी।
इस डर से महिला ने पति चंद्रकेश शर्मा (रिटायर्ड असिस्टेंट वर्क मैनेजर, व्हीकल फैक्ट्री) के साथ मिलकर ठगों के बताए गए खातों में कुल ₹59.65 लाख ट्रांसफर कर दिए:
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14 जनवरी: ₹15 लाख
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17 जनवरी: ₹32.65 लाख
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20 जनवरी: ₹9.98 लाख
WhatsApp कॉल से बनाया भरोसा, जांच का दिया झांसा
ठग लगातार WhatsApp कॉल के ज़रिए संपर्क में बने रहे। वे हर दो घंटे में “रिपोर्ट” करने को कहते थे। दंपत्ति को भरोसा दिलाया गया कि जांच पूरी होते ही सारा पैसा लौटा दिया जाएगा। इस झांसे में आकर दंपत्ति ने बिना किसी से बात किए तीन बार में ट्रांजैक्शन कर डाले।
बेटी ने बताया कि ठगी हो चुकी है
20 जनवरी के बाद जब कॉल आना बंद हो गया, तब दंपत्ति ने बेंगलुरु में रहने वाली अपनी बेटी को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। बेटी ने तुरंत बताया कि उनके साथ ठगी हो चुकी है। इसके बाद 22 जनवरी को उन्होंने साइबर थाना जबलपुर में शिकायत दर्ज करवाई।
जयपुर से दो आरोपी गिरफ्तार, गिरोह का पर्दाफाश
शिकायत के बाद साइबर थाना प्रभारी अरविंद आर्मों और क्राइम ब्रांच प्रभारी शैलेष मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। मोबाइल नंबरों और खातों की ट्रैकिंग से लोकेशन जयपुर की निकली।
टीम ने जयपुर जाकर मुकेश चौधरी और दीपक कुमावत को गिरफ्तार किया। दोनों पोस्ट ग्रेजुएट हैं और संगठित गिरोह के रूप में ठगी करते थे। इनके पास से:
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दो मोबाइल
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एक चेकबुक
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एक एटीएम कार्ड
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₹11,500 नकद
बरामद किए गए हैं।
देशभर में फैला है गिरोह, पूछताछ जारी
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह देश के विभिन्न हिस्सों में “डिजिटल गिरफ्तारी” के नाम पर लोगों को फंसाकर ठगी करता है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।