- Hindi News
- पूजा पाठ
- आषाढ़ दुर्गाष्टमी 2025: जानें कब है व्रत, क्या है शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
आषाढ़ दुर्गाष्टमी 2025: जानें कब है व्रत, क्या है शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
Dharm desk
.jpg)
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाने वाली मासिक दुर्गाष्टमी देवी दुर्गा की उपासना का पावन दिन होता है।
आषाढ़ मास में आने वाली दुर्गाष्टमी का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह समय वर्षा ऋतु की शुरुआत और वातावरण में ऊर्जा परिवर्तन का प्रतीक माना जाता है। 2025 में यह पर्व 3 जुलाई, बुधवार को मनाया जाएगा।
कब है आषाढ़ मास की दुर्गाष्टमी व्रत तिथि?
पंचांग के अनुसार,
-
अष्टमी तिथि का प्रारंभ: 2 जुलाई 2025 को रात 10:00 बजे
-
अष्टमी तिथि का समापन: 3 जुलाई 2025 को रात 11:30 बजे
उदया तिथि मान्य होने के कारण व्रत 3 जुलाई को रखा जाएगा।
कैसे करें दुर्गाष्टमी की पूजा? – आसान विधि
इस दिन प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ लाल वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। लाल चुनरी, सिंदूर, चूड़ियां, बिंदी आदि से माता का श्रृंगार करें।
-
दीपक और अगरबत्ती जलाकर पूजा की शुरुआत करें।
-
मां को लाल गुड़हल के फूल, फल और हलवा-पूरी का भोग अर्पित करें।
-
“ॐ दुं दुर्गायै नमः” या “या देवी सर्वभूतेषु...” मंत्र का जाप करें।
-
दुर्गा चालीसा पढ़ें और सामूहिक आरती करें।
-
पूजा के पश्चात सभी में प्रसाद वितरित करें और क्षमा प्रार्थना करें।
क्या है दुर्गाष्टमी व्रत का महत्व?
यह दिन मां दुर्गा की शक्ति, सुरक्षा और सद्गुणों का स्मरण करने का दिन है। मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा से करने पर:
-
शत्रुओं पर विजय मिलती है
-
रोग-दोष और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है
-
जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं
-
संतान प्राप्ति और विवाह संबंधी अड़चनें दूर होती हैं
-
घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है
-
नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होकर सकारात्मक वातावरण बनता है