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उपराष्ट्रपति धनखड़ का ग्वालियर दौरा: छात्रों से किया संवाद, कहा- विकसित भारत का रास्ता किसान के खेत से निकलता है
Gwalior

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को ग्वालियर स्थित राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों और शिक्षकों से संवाद किया।
इस विशेष कार्यक्रम में उनकी धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़, राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे।
धनखड़ ने कहा कि "विकसित भारत का मार्ग किसान के खेत से होकर गुजरता है।" उन्होंने छात्रों को नई संसद भवन भ्रमण का आमंत्रण भी दिया और कहा कि वे वहां कृषि से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
किसान है राष्ट्र की रीढ़, विज्ञान से बनेगा मजबूत भारत
उपराष्ट्रपति ने कृषि और राष्ट्रवाद को जोड़ते हुए कहा, "हर संकट की घड़ी में देश की नजरें किसान की ओर जाती हैं। लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया। अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे ‘जय विज्ञान’ से जोड़ा और अब प्रधानमंत्री मोदी ने इसमें ‘जय अनुसंधान’ को जोड़ा है। यह स्पष्ट करता है कि विज्ञान और शोध ही भविष्य का आधार हैं।"
उन्होंने कहा कि किसान अन्नदाता ही नहीं, भाग्यविधाता भी है। “अगर कोई नीति किसान की पीड़ा को नहीं समझती, तो वह नीति अधूरी है। हमें किसान के दर्द को समझना होगा और उन्हें सशक्त बनाना होगा,” उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा।
छात्रों को दिया राष्ट्रवाद और भारतीयता का संदेश
छात्रों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया को श्रद्धांजलि दी और उनके राष्ट्रभक्ति विचारों का उल्लेख करते हुए कहा, "राष्ट्रहित से बड़ा कोई धर्म नहीं हो सकता। हमें भारतीयता की भावना के साथ राष्ट्रवाद को अपनाना होगा।"
धनखड़ ने कहा कि वे विशेष रूप से छात्रों से मिलने “बड़े मन” से आए हैं, ताकि युवा भारत को आगे ले जाने की प्रेरणा मिल सके।
सरकार की नीतियां किसानों के हित में- उपराष्ट्रपति
धनखड़ ने केंद्र सरकार की किसान कल्याण योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि "सरकार किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं से सीधे उनके खातों में राशि भेज रही है, जो पारदर्शिता और विश्वास का प्रतीक है।" उन्होंने यह भी कहा कि एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान संवाद को बखूबी आगे बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री का बयान: गौशालाओं और सिंचाई परियोजनाओं में होगा बड़ा निवेश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना पर बड़ी सफलता मिली है, जिससे राज्य के लाखों किसानों को सिंचाई का लाभ मिलेगा। उन्होंने गौशाला नीति का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार शहरों में 10-10 नई गौशालाएं बनाएगी और जिनके घर में गौशाला होगी, उन्हें भी सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने इसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने का एक बड़ा कदम बताया।
निष्कर्ष:
ग्वालियर में हुआ यह संवाद कार्यक्रम सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात नहीं, बल्कि किसानों और छात्रों को राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका का अहसास कराने का मंच बना। उपराष्ट्रपति धनखड़ का संदेश स्पष्ट था—“भारत के भविष्य की नींव खेतों से रखी जाएगी और विद्यार्थियों के विचारों से संवर जाएगी।”