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किश्तवाड़ बादल फटने से तबाही: 65 शव बरामद, 100 से ज्यादा लापता
Jagran Desk

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चसोटी गांव में 14 अगस्त की दोपहर बादल फटने से भारी तबाही हुई है। पहाड़ से आए तेज पानी और मलबे में दबकर अब तक 65 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 21 शवों की पहचान हो गई है। राहत दल अब भी 100 से ज्यादा लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं।
मचैल माता यात्रा स्थल पर मचा हाहाकार
हादसा उस समय हुआ, जब हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के पहले पड़ाव चसोटी में मौजूद थे। बादल फटने से बसें, टेंट, लंगर और दुकानें बाढ़ में बह गईं। किश्तवाड़ डिप्टी कमिश्नर पंकज शर्मा ने बताया कि NDRF, सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, SDRF और अन्य एजेंसियां बड़े पैमाने पर सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं।
बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन
लगभग 300 सैन्यकर्मी, व्हाइट नाइट कोर की मेडिकल टीम और स्थानीय लोग राहत कार्यों में लगे हैं। अब तक 167 लोगों को जिंदा बचाया गया है, जिनमें 38 की हालत गंभीर है। घायलों को कीचड़ भरे इलाके से पीठ पर उठाकर अस्पताल तक पहुंचाया गया।
मलबे में दबे लोगों का अंदाजा
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें आशंका है कि मलबे में 500 से ज्यादा लोग दबे हो सकते हैं। वहीं, उनकी पार्टी की एक सदस्य का दावा है कि यह संख्या 1000 तक हो सकती है।
त्रासदी के भयावह दृश्य
स्थानीय लोगों के अनुसार, कई शवों के फेफड़ों में कीचड़ भरा था, पसलियां टूटी थीं और अंग बिखरे पड़े थे। यह मंजर इतना भयावह था कि राहतकर्मियों को शवों को निकालने में घंटों लग गए।