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मुर्शिदाबाद हिंसा पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, राष्ट्रपति शासन और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग
JAGRAN DESK

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी।
वकील विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर याचिका में राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग की गई है। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत और 18 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
क्या है मामला?
13 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा ने न सिर्फ कानून-व्यवस्था को चुनौती दी, बल्कि राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए। भीड़ द्वारा दुकानों में लूटपाट, पुलिस पर हमले और आगजनी की घटनाओं ने स्थिति को बेहद तनावपूर्ण बना दिया। इसके बाद से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग उठने लगी।
याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई की पीठ आज इस याचिका पर सुनवाई करेगी। याचिका में संविधान के अनुच्छेद 355 का हवाला देते हुए केंद्र से यह आग्रह किया गया है कि वह पश्चिम बंगाल से रिपोर्ट मांगे और कानून-व्यवस्था को बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा:
"हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि केंद्र सरकार अनुच्छेद 355 के तहत राज्य से रिपोर्ट मांगे। 2021 की हिंसा पर पहले ही नोटिस जारी हो चुका है और अब हालिया हिंसा को भी अदालत को संज्ञान में लेना चाहिए।"
क्या है अनुच्छेद 355?
संविधान का अनुच्छेद 355 केंद्र सरकार को यह दायित्व देता है कि वह राज्यों को बाहरी आक्रमण या आंतरिक अशांति से बचाए। यही अनुच्छेद राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) लगाने का आधार बन सकता है, अगर यह सिद्ध हो जाए कि राज्य सरकार संविधान के अनुरूप कार्य करने में विफल रही है।
कोर्ट की प्रारंभिक टिप्पणी
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सवाल किया था –
“क्या आप चाहते हैं कि हम सीधे राष्ट्रपति शासन लागू करने का आदेश दें? पहले से ही हमें विधायिका और कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप का दोषी ठहराया जा रहा है।”
यह टिप्पणी बताती है कि कोर्ट इस संवेदनशील मुद्दे पर बेहद सतर्कता से आगे बढ़ेगा।
हाई कोर्ट का हस्तक्षेप और मौजूदा स्थिति
मुर्शिदाबाद हिंसा के मद्देनजर कलकत्ता हाई कोर्ट ने 13 अप्रैल को ही हिंसा प्रभावित इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दे दिया था। इसके बाद राज्य पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 118 लोगों को गिरफ्तार किया। हालांकि, विपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने जानबूझकर स्थिति को बिगड़ने दिया।
राजनीतिक पारा चढ़ा
इस हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला। भाजपा का आरोप है कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को जानबूझकर हिंसक रूप लेने दिया गया। वहीं तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि भाजपा मामले को राजनीतिक रंग देकर राज्य सरकार को बदनाम कर रही है।