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ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को मिला कड़ा संदेश: आतंक का समर्थन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा" — आर्मी चीफ
Jagran Desk

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को कारगिल विजय दिवस के मौके पर लद्दाख के द्रास में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में देश को संबोधित करते हुए साफ संदेश दिया कि भारत अब आतंकवाद पर चुप नहीं बैठेगा।
उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर" पाकिस्तान को यह साफ चेतावनी है कि जो भी आतंकवाद का समर्थन करेगा, उसे सख्त जवाब मिलेगा।
जनरल द्विवेदी ने आगे कहा कि यह ऑपरेशन, पहलगाम हमले का जवाब था, जिसने देश को झकझोर दिया था। अब भारत केवल शोक व्यक्त नहीं करता, बल्कि साहसिक कार्रवाई भी करता है।
"अब जवाब देना बना भारत का न्यू नॉर्मल"
सेना प्रमुख ने कहा, "दुश्मन की हर नापाक कोशिश का अब जवाब दिया जाएगा। हमारी सेना तैयार है और सर्जिकल स्ट्राइक से यह साबित हो गया है कि हम पहले से अधिक सशक्त, सतर्क और संगठित हैं।"
इस मौके पर सेना प्रमुख ने कारगिल युद्ध स्मारक पर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कारगिल विजय की 26वीं वर्षगांठ, देश कर रहा वीरों को नमन
इस वर्ष कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ पर दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तीनों सेना प्रमुखों के साथ पहुंचे। सभी ने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और राष्ट्र के प्रति उनके बलिदान को नमन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश साझा कर कहा,
"यह दिन हमें हमारे वीरों के अदम्य साहस और देशभक्ति की याद दिलाता है। भारत उनके त्याग को कभी नहीं भूल सकता।"
क्या था कारगिल युद्ध?
1999 में पाकिस्तान की सेना ने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर चुपचाप कब्जा कर लिया था। 8 मई को एक चरवाहे ने पाक सैनिकों की गतिविधि देखी और भारतीय सेना को सूचना दी। प्रारंभ में इसे आतंकी घुसपैठ माना गया, लेकिन जांच के बाद सामने आया कि इसमें पाकिस्तानी सेना सीधे तौर पर शामिल थी।
इसके बाद भारत ने ऑपरेशन विजय चलाकर 84 दिनों तक चले युद्ध में दुश्मन को करारा जवाब दिया। 26 जुलाई 1999 को भारत ने ऐतिहासिक विजय हासिल की और तब से हर साल यह दिन कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।