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PM मोदी का कड़ा संदेश: खून और पानी साथ नहीं बह सकते, पाकिस्तान को चेतावनी - हमला हुआ तो जवाब तय है
Jagran Desk

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार रात 8 बजे देश को संबोधित करते हुए पाकिस्तान, आतंकवाद और हालिया सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कड़े शब्दों में स्पष्ट किया कि भारत अब न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग और आतंकी हमलों को बिल्कुल भी सहन नहीं करेगा। उन्होंने दो टूक कहा, “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकता” और “टेरर और टॉक एक साथ नहीं हो सकते।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले के बाद पूरे देश ने एक स्वर में कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। इस हमले में छुट्टियां मना रहे निर्दोष नागरिकों को उनके बच्चों के सामने बेरहमी से मार डाला गया था। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए निर्णायक सैन्य अभियान चलाया, जिसमें 100 से अधिक खूंखार आतंकियों को ढेर कर दिया गया।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के अड्डों का सफाया
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि न्याय की अखंड प्रतिज्ञा थी। भारत ने पाकिस्तान के अंदर बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और उन्हें खंडहर में तब्दील कर दिया। भारत की मिसाइलों और ड्रोन हमलों ने आतंकियों के साथ-साथ उनके मनोबल को भी तोड़ डाला। उन्होंने बताया कि मेड इन इंडिया हथियारों की क्षमता और विश्वसनीयता इस ऑपरेशन में सिद्ध हुई है।
तीन स्पष्ट संदेश: ऑपरेशन सिंदूर की लकीरें
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकवाद के खिलाफ तीन स्पष्ट संदेश दिए:
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आतंकी हमला होगा, तो मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। भारत अपनी शर्तों पर, हर जगह जाकर कठोर कार्रवाई करेगा।
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न्यूक्लियर ब्लैकमेल अब नहीं चलेगा। उसकी आड़ में पनप रहे आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा।
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आतंक की सरकार और उसके आकाओं में कोई भेद नहीं। पाकिस्तान द्वारा मारे गए आतंकियों को सैन्य सम्मान देना इस सच्चाई का सबूत है।
पाकिस्तान की घबराहट और सीजफायर की गुहार
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत की आक्रामक कार्रवाई से पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया। उसने भारत पर जवाबी हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारत की एयर डिफेंस प्रणाली ने पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को तिनके की तरह बिखेर दिया। पाकिस्तान ने 10 मई को भारतीय डीजीएमओ से संपर्क कर संघर्षविराम की गुहार लगाई।
हालांकि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि सीजफायर कोई स्थायी समझौता नहीं है, यह केवल एक “स्थगन” है। पाकिस्तान के हर कदम को अब भारत कड़ी नजर से देखेगा।
PoK और सिंधु जल समझौता भी चर्चा में
प्रधानमंत्री मोदी ने संकेत दिए कि सिंधु जल समझौता अब पुनर्विचार के दायरे में आ सकता है। उन्होंने दोहराया कि अगर पाकिस्तान से कोई बातचीत होगी, तो वह केवल आतंकवाद और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के मुद्दे पर ही होगी।
शांति के लिए शक्ति जरूरी: बुद्ध पूर्णिमा पर संदेश
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा, “शांति का मार्ग शक्ति से होकर जाता है।” उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है और भारत अब हर स्तर पर “जीरो टॉलरेंस” की नीति पर चलेगा।
निष्कर्ष: भारत का सख्त रुख, वैश्विक संदेश
प्रधानमंत्री के इस 22 मिनट के संबोधन में भारत का एक मजबूत, आत्मनिर्भर और निर्णायक चेहरा सामने आया। ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की नई सैन्य नीति और आतंक के प्रति स्पष्ट रुख को परिभाषित किया है। यह केवल पाकिस्तान के लिए नहीं, बल्कि पूरे विश्व समुदाय के लिए एक चेतावनी है कि भारत अब आतंकवाद को उसकी जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह तैयार है।