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मणिपुर में फिर भड़की हिंसा: मैतेई नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में बंद, कर्फ्यू और इंटरनेट बंदी लागू
Jagran Desk
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मणिपुर एक बार फिर तनाव की आग में झुलस रहा है। मैतेई संगठन अरंबाई टेंगोल के प्रमुख नेता कानन सिंह और अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद राज्य में हिंसक प्रदर्शन तेज हो गए हैं। गिरफ्तारी के विरोध में संगठन ने 10 दिन के बंद का आह्वान किया है, जिससे जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हुआ है। हालात काबू में लाने के लिए सरकार ने पांच जिलों में कर्फ्यू और इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है।
स्कूल, बाजार और दफ्तर ठप, प्रदर्शन तेज
राज्यभर में बंद के चलते बाजार, शिक्षण संस्थान और सरकारी कार्यालयों में सन्नाटा पसरा है। अरंबाई टेंगोल ने कर्मचारियों को कार्यस्थल पर न जाने की चेतावनी दी है। सड़कों पर प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर विरोध जताया, वहीं कई जगहों पर सुरक्षाबलों से झड़प और आत्मदाह की कोशिशों की खबरें भी सामने आई हैं।
पांच जिलों में कर्फ्यू, इंटरनेट सेवाएं बंद
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर और ककचिंग जिलों में कर्फ्यू लागू कर दिया है। साथ ही मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं पर 5 दिन की रोक लगा दी गई है ताकि अफवाहों को फैलने से रोका जा सके।
अरंबाई टेंगोल: संस्कृति या उग्रता का प्रतीक?
अरंबाई टेंगोल खुद को मैतेई संस्कृति और पहचान का संरक्षक संगठन बताता है, लेकिन मई 2023 की जातीय हिंसा के बाद से इस पर हिंसा और उग्रवाद फैलाने के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। सीबीआई द्वारा दर्ज मामलों के तहत संगठन के कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया, जिससे मौजूदा संकट गहरा गया है।
राजनीतिक हलचल: शाह से मिलेंगे बीरेन सिंह
पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, जो वर्तमान में भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं, राज्य की स्थिति से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अवगत कराने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। फरवरी में हिंसा पर नियंत्रण नहीं पाने के कारण उन्होंने इस्तीफा दिया था और तब से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।
विधायकों की सक्रियता और चेतावनी
राज्य के 25 विधायकों और एक सांसद ने राज्यपाल अजय भल्ला से मुलाकात कर हिंसा पर चिंता जताई है। वहीं महिला संगठनों ने चेतावनी दी है कि 10 जून तक विधायकों को राज्य लौटना चाहिए और सरकार गठन की प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए।