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1 सितंबर से सिल्वर ज्वेलरी पर भी हॉलमार्किंग लागू
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सरकार ने सिल्वर ज्वेलरी की हॉलमार्किंग लागू करने का ऐलान किया है। 1 सितंबर 2025 से यह स्वैच्छिक रूप से शुरू होगी। सोने की तरह ही अब चांदी की ज्वेलरी पर भी 6 डिजिट HUID कोड और BIS ग्रेड का निशान होगा।
हॉलमार्किंग क्या है?
हॉलमार्किंग एक सरकारी प्रमाणपत्र है जो ज्वेलरी की शुद्धता और गुणवत्ता की गारंटी देता है। BIS इसे प्रमाणित करता है ताकि खरीदार नकली या मिलावटी चांदी से बचा रह सके।
क्यों जरूरी है यह कदम?
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शुद्धता की गारंटी: कोई दुकानदार मिलावटी चांदी नहीं बेच पाएगा।
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भरोसा बढ़ेगा: ज्वेलरी खरीदते समय ठगी का डर नहीं रहेगा।
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धोखाधड़ी रुकेगी: चांदी की कमी या मिलावट पर रोक।
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बिक्री में आसानी: हॉलमार्क वाली ज्वेलरी का रीसैल वैल्यू बेहतर।
हॉलमार्किंग कैसे काम करेगी?
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ज्वेलरी पर 6 अंकों का यूनीक HUID कोड लगेगा।
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चांदी के लिए 6 ग्रेड होंगे: 800, 835, 900, 925, 970 और 990।
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ये ग्रेड चांदी की शुद्धता का स्तर दर्शाएंगे।
पुरानी ज्वेलरी पर लागू नहीं
पुरानी चांदी पर नियम अनिवार्य नहीं होगा। हालांकि, इच्छुक लोग अपनी ज्वेलरी BIS सेंटर पर चेक करवा सकते हैं।
क्या करना चाहिए?
1 सितंबर के बाद चांदी खरीदते समय हॉलमार्क चेक करना अनिवार्य समझें। अगर हॉलमार्क नहीं है, तो दुकानदार से शुद्धता का प्रमाण मांगें।