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ICRA रिपोर्ट: 2026 तक ₹15 लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर सकता है भारत का गोल्ड लोन बाजार
Digital Desk

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत का संगठित गोल्ड लोन बाजार मार्च 2026 तक ₹15 लाख करोड़ के स्तर को पार कर सकता है। यह लक्ष्य पहले की अपेक्षा एक साल पहले हासिल हो सकता है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत का संगठित गोल्ड लोन बाजार मार्च 2026 तक ₹15 लाख करोड़ के स्तर को पार कर सकता है। यह लक्ष्य पहले की अपेक्षा एक साल पहले हासिल हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी इस तेज़ वृद्धि का प्रमुख कारण है।
बाजार के विस्तार की गति
ICRA के अनुसार, गोल्ड लोन सेगमेंट में यह विकास न केवल 2026 में ₹15 लाख करोड़ तक पहुंचने वाला है, बल्कि यह आगे भी जारी रहेगा। अनुमान है कि वित्त वर्ष 2027 तक बाजार का आकार ₹18 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है।
ICRA लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और को-ग्रुप हेड (फाइनेंशियल सेक्टर रेटिंग्स) एएम कार्तिक ने कहा:
“ऊंचे सोने के दाम, असुरक्षित ऋण उत्पादों की धीमी गति, और देश में भारी मात्रा में फ्री गोल्ड होल्डिंग्स—ये सभी कारक गोल्ड लोन मार्केट को ऊंचाई तक ले जा रहे हैं।”
बैंकों का दबदबा, एनबीएफसी की हिस्सेदारी घटी
मार्च 2025 तक, संगठित गोल्ड लोन बाजार में बैंकों की हिस्सेदारी 82% तक पहुंच चुकी है, जबकि एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) की हिस्सेदारी घटकर 18% रह गई। मार्च 2021 में एनबीएफसी की हिस्सेदारी 22% थी, जो बैंकों के सामने उसकी स्थिति में आई गिरावट को दर्शाता है।
NBFC AUM में रिकॉर्ड वृद्धि
हालांकि, NBFC का प्रदर्शन कमजोर नहीं रहा। जून 2025 तक एनबीएफसी की गोल्ड लोन AUM (प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां) 2.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो वर्ष-दर-वर्ष करीब 41% की उल्लेखनीय वृद्धि है।
क्यों बढ़ रहा है गोल्ड लोन बाजार?
सोने की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि
पिछले कुछ वर्षों में सोने के भाव लगातार ऊंचाई पर पहुंचे हैं, जिससे लोन की राशि भी बढ़ी है। इससे गोल्ड लोन की औसत टिकट साइज दोगुनी हो गई है।
ग्राहकों का झुकाव गोल्ड लोन की ओर
असुरक्षित ऋण विकल्पों की तुलना में गोल्ड लोन को अधिक सुरक्षित और सरल मानकर लोग इस विकल्प को अपना रहे हैं। ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है।
धीमा भौतिक विस्तार, लेकिन डिजिटल बढ़त
हालांकि गोल्ड लोन शाखाओं की संख्या में CAGR 3.3% की मामूली वृद्धि हुई है, लेकिन डिजिटल माध्यम से सेवा विस्तार हो रहा है।
ICRA के मुताबिक गोल्ड लोन की संभावनाएं
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2026 तक बाजार आकार: ₹15 लाख करोड़
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2027 तक बाजार आकार: ₹18 लाख करोड़
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NBFC AUM ग्रोथ: 30-35% की संभावित वृद्धि
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बाजार में बैंकों की पकड़ और मजबूत
बैंक और NBFC की हिस्सेदारी - तुलना
वर्ष | बैंक (%) | NBFC (%) |
---|---|---|
मार्च 2021 | 78% | 22% |
मार्च 2025 | 82% | 18% |
गोल्ड लोन भारत में तेजी से लोकप्रिय वित्तीय साधन बनता जा रहा है। सोने की कीमतों में बढ़ोतरी, ग्राहकों की बढ़ती रुचि, और संगठित वित्तीय संस्थानों का विस्तार इस सेगमेंट को रिकॉर्ड स्तर तक ले जा रहा है। ICRA की रिपोर्ट न केवल भविष्य की संभावनाओं को उजागर करती है, बल्कि इस बात की भी पुष्टि करती है कि गोल्ड लोन सेगमेंट भारत के वित्तीय परिदृश्य में अब एक मुख्यधारा का खिलाड़ी बन चुका है