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"फाइनेंशियल प्लानिंग से सुरक्षित करें बच्चों का भविष्य, जानिए कैसे"
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चाहे आपने खुद गरीबी में पला बढ़ा हो, पर हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उसके बच्चे आर्थिक रूप से मजबूत और खुशहाल हों। सही फाइनेंशियल प्लानिंग के जरिए आप इस सपने को सच कर सकते हैं। जैसे आप रिटायरमेंट या घर खरीदने की योजना बनाते हैं, उसी तरह बच्चों के भविष्य के लिए भी सोचना जरूरी है।
1. फाइनेंशियल प्लानिंग क्यों है जरूरी?
बहुत से माता-पिता सोचते हैं कि बच्चों के लिए पैसों का इंतजाम करना भविष्य में सोचने वाली बात है, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। जैसे आप अपनी रिटायरमेंट के लिए बचत करते हैं, वैसे ही बच्चों के लिए भी समय रहते फाइनेंशियल प्लानिंग करनी चाहिए।
आज के बढ़ते खर्चों और महंगाई को देखकर यह समझना आसान है कि अगर अभी से योजना न बनाई जाए, तो भविष्य में बड़े आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ सकता है।
2. अपने लक्ष्य (Goals) तय करें
बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग की शुरुआत सबसे पहले उनके जीवन के प्रमुख लक्ष्यों को समझने से होती है। ये लक्ष्य हर परिवार के लिए अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ आम लक्ष्य हो सकते हैं जैसे:
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बच्चों की स्कूल और कॉलेज की फीस
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स्कूल ट्रिप्स या एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी के खर्च
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कार या वाहन खरीदना
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शादी के लिए धन
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बच्चों के लिए बिजनेस शुरू करना
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मकान या प्रॉपर्टी खरीदना
हर लक्ष्य की अलग प्राथमिकता और समय सीमा होती है। इसलिए जरूरी है कि आप इन लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से पहचानें और उनकी प्राथमिकता तय करें।
3. प्रायोरिटी और टाइमलाइन बनाएं
आपके बच्चों के जीवन में बहुत से खर्च हो सकते हैं, लेकिन समय और जरूरत के अनुसार उन्हें प्राथमिकता देना आवश्यक है।
उदाहरण के तौर पर, स्कूल की फीस तो हर साल आती है, जबकि शादी या बिजनेस का खर्च 15-20 साल बाद हो सकता है। इसलिए आपको छोटे और बड़े दोनों गोल्स के लिए अलग-अलग योजना बनानी होगी।
इस काम में आप एक वित्तीय सलाहकार की मदद भी ले सकते हैं जो आपको आपके बजट और जरूरत के अनुसार सही सुझाव देगा।
4. भविष्य के खर्चों का सही आकलन करें
महंगाई की दर हर साल बढ़ती रहती है, इसलिए आपको वर्तमान खर्च को महंगाई के अनुसार बढ़ाकर अनुमान लगाना होगा कि भविष्य में कितना पैसा चाहिए।
उदाहरण:
2025 में यदि IIM इंदौर का MBA प्रोग्राम लगभग ₹23 लाख का है, और फीस 12% वार्षिक दर से बढ़ रही है, तो 2034 में यह लगभग ₹64 लाख हो जाएगा। इसी तरह, स्कूल फीस, शादी, और अन्य खर्चों के लिए भी भविष्य की कीमतें निकालनी होंगी। यह कदम सबसे जरूरी है क्योंकि इससे आपको पता चलेगा कि आपको कितना पैसा जमा करना होगा।
5. सही निवेश विकल्प चुनें
(a) इमीडिएट गोल्स के लिए निवेश
छोटे और तत्काल लक्ष्यों के लिए सुरक्षित और तरल निवेश विकल्प बेहतर रहते हैं। जैसे:
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बचत खाते: जहां से आप कभी भी पैसे निकाल सकते हैं।
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फिक्स्ड डिपॉजिट (FD): जहां पैसे एक निश्चित अवधि के लिए सुरक्षित रहते हैं।
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लिक्विड फंड और शॉर्ट टर्म डेट फंड: ये म्यूचुअल फंड की तरह होते हैं जिनमें पैसा जल्दी निकाला जा सकता है और रिटर्न बेहतर होते हैं।
(b) लॉन्ग टर्म गोल्स के लिए निवेश
लंबी अवधि के निवेश में थोड़ा जोखिम लेना फायदेमंद होता है क्योंकि इससे बेहतर रिटर्न मिलते हैं। विकल्प हैं:
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इक्विटी म्यूचुअल फंड: यह स्टॉक मार्केट में निवेश करता है और लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न दे सकता है।
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सोना: एक पारंपरिक निवेश विकल्प जो महंगाई के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।
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सुकन्या समृद्धि योजना: बेटी के भविष्य के लिए केंद्र सरकार की यह योजना निश्चित आय के साथ अच्छा रिटर्न देती है।
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सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP): नियमित मासिक निवेश जो कंपाउंडिंग के जरिए बड़ा फंड तैयार करता है।
6. महंगाई के हिसाब से रिटर्न का लक्ष्य तय करें
शिक्षा और जीवन की महंगाई 8% से 12% तक बढ़ रही है, इसलिए निवेश विकल्प से कम से कम इतना या उससे अधिक रिटर्न प्राप्त करना जरूरी है।
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5% से कम रिटर्न देने वाले विकल्प जैसे बचत खाते, फिक्स्ड डिपॉजिट, सिर्फ इमीडिएट गोल्स के लिए उपयुक्त हैं।
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8% से ऊपर रिटर्न देने वाले इक्विटी फंड और म्यूचुअल फंड लॉन्ग टर्म गोल्स के लिए बेहतर हैं।
7. परिवार के सहयोग से बचत बढ़ाएं
यदि परिवार के सभी सदस्य – माता-पिता, दादा-दादी, चाचा-चाची – हर महीने बच्चों के एजुकेशन फंड में थोड़ी-थोड़ी रकम जमा करें, तो यह बड़ा फंड बन जाता है।
इस तरीके से न केवल आर्थिक बोझ कम होता है, बल्कि बच्चों के लिए एक मजबूत वित्तीय सुरक्षा कवच बनता है।
8. नियमित समीक्षा और योजना अपडेट करें
फाइनेंशियल प्लानिंग कोई एक बार का काम नहीं है। आपको हर साल या जरूरत के मुताबिक अपने प्लान की समीक्षा करनी चाहिए।
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क्या आप निर्धारित लक्ष्य के करीब हैं?
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महंगाई और बाजार की स्थिति में बदलाव के अनुसार क्या योजना में बदलाव करना जरूरी है?
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बच्चों के भविष्य के नए लक्ष्य आए हैं?
इन सवालों के जवाब पाने के लिए प्लान को समय-समय पर अपडेट करना आवश्यक है।
बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग जीवन की सबसे अहम जिम्मेदारी है। सही लक्ष्य निर्धारित करें, समय के अनुसार प्राथमिकता तय करें, भविष्य के खर्चों का सही आकलन करें और उपयुक्त निवेश विकल्प चुनें। परिवार के सभी सदस्यों के सहयोग से नियमित बचत करें।
इस तरह से आप न केवल अपने बच्चों की शिक्षा और अन्य जरूरी खर्चों को बिना किसी वित्तीय दबाव के पूरा कर पाएंगे, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बना सकेंगे।
आज से ही योजना बनाएं और अपने बच्चों को एक मजबूत और खुशहाल भविष्य का तोहफा दें।