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SEBI का बड़ा फैसला: म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स के ट्रांजैक्शन चार्ज खत्म, अब सिर्फ सीधे कमीशन से होगा भुगतान
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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में पारदर्शिता और सरलता लाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। अब म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स को ट्रांजैक्शन चार्ज के रूप में कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं मिलेगा। यह नया नियम तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
पहले क्या था नियम?
अब तक ₹10,000 या उससे अधिक के निवेश पर डिस्ट्रीब्यूटर्स को ट्रांजैक्शन चार्ज दिया जाता था। यह प्रावधान 27 जून 2024 के मास्टर सर्कुलर का हिस्सा था। लेकिन सेबी की नई समीक्षा में यह पाया गया कि डिस्ट्रीब्यूटर्स, जो एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) के एजेंट होते हैं, उन्हें सीधे कमीशन या शुल्क के रूप में भुगतान किया जाना चाहिए, न कि अलग से ट्रांजैक्शन चार्ज के जरिए।
बदलाव क्यों किया गया?
सेबी का कहना है कि इस फैसले से म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में पारदर्शिता बढ़ेगी और डिस्ट्रीब्यूटर्स के भुगतान का तरीका सरल हो जाएगा। यह बदलाव SEBI Act, 1992 की धारा 11(1) और SEBI (Mutual Funds) Regulations, 1996 के Regulation 52(4A) के तहत निवेशकों के हितों की सुरक्षा और बाजार के विकास के उद्देश्य से किया गया है।
म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर कौन हैं?
म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर ऐसे रजिस्टर्ड वित्तीय एजेंट होते हैं जो निवेशकों को म्यूचुअल फंड योजनाएं चुनने, खरीदने और बनाए रखने में मदद करते हैं। इन्हें SEBI और AMFI (Association of Mutual Funds in India) द्वारा रेगुलेट किया जाता है।
इस कदम से उम्मीद है कि निवेशकों और डिस्ट्रीब्यूटर्स के बीच भुगतान प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और स्पष्ट होगी।