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4 अगस्त को खुलेंगे भाग्य के द्वार! सावन के अंतिम सोमवार को शिव को प्रसन्न करने के 3 दुर्लभ उपाय
Dharm desk

सावन का अंतिम सोमवार सिर्फ एक तिथि नहीं, बल्कि भगवान शिव की विशेष कृपा पाने का दुर्लभ अवसर है। 4 अगस्त 2025 को यह विशेष सोमवार न केवल भक्ति भाव से भरपूर रहेगा, बल्कि सिद्धि योग और इंद्र योग जैसे शुभ संयोग भी इस दिन को अद्वितीय बना रहे हैं।
धार्मिक ग्रंथों, विशेषकर शिवपुराण और स्कंद पुराण के अनुसार, सावन में की गई शिव पूजा हजारों वर्षों की तपस्या के बराबर मानी जाती है। लेकिन सावन का अंतिम सोमवार और भी विशेष होता है — इसे वरदान प्राप्ति का दिन कहा गया है।
शिवपुराण में वर्णित हैं ये 3 दुर्लभ उपाय, जो बदल सकते हैं जीवन की दिशा
1. कर्पूर से रुद्राभिषेक — ग्रह दोषों से मुक्ति का सरल उपाय
शिवपुराण के अनुसार, कर्पूर युक्त जल से शिवलिंग पर अभिषेक करने से राहु, केतु और शनि जैसे अनिष्ट ग्रह शांत होते हैं। यह उपाय कालसर्प दोष और पितृदोष से राहत दिला सकता है।
2. सप्त तीर्थ जल अर्पण — सात जन्मों के पाप हों नष्ट
यदि गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी और सिंधु नदियों का जल एकत्र कर अभिषेक किया जाए, तो पूर्व जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है। यह विधि आत्मिक शुद्धि और पुण्य प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करती है।
3. 108 बार करें ‘ॐ नमो भगवते रुद्राय’ का जाप
यह मंत्र रुद्र रूप को जाग्रत करता है। रुद्राक्ष की माला से जाप करने पर भय, ऋण, मानसिक तनाव और राहु-केतु दोष का प्रभाव कम होता है। यह शिवलोक प्राप्ति का माध्यम भी माना गया है।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
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शिवलिंग पर हल्दी और सिंदूर अर्पित न करें
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तुलसी के पत्तों का उपयोग शिव पूजा में वर्जित है
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लोहे या स्टील के बर्तन से जल न चढ़ाएं
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बिना स्नान किए शिवलिंग को न छुएं
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शिव को अर्पित प्रसाद में नमक नहीं होना चाहिए