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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 26 जून से शुरू: घटस्थापना का शुभ मुहूर्त और इन गलतियों से करें बचाव
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हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 की आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 26 जून गुरुवार से प्रारंभ हो रही है। यह नौ दिवसीय पर्व मां दुर्गा की गुप्त और तांत्रिक साधना के लिए विशेष माना जाता है। आषाढ़ और माघ मास की नवरात्रियां गुप्त रूप से मनाई जाती हैं और इनका महत्व साधकों के लिए अत्यंत गुप्त और आध्यात्मिक होता है।
गुप्त नवरात्रि 2025 की तिथियां
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आरंभ तिथि: 26 जून 2025 (गुरुवार)
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समापन तिथि: 4 जुलाई 2025 (शुक्रवार)
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साधना अवधि: 9 दिन
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
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प्रमुख मुहूर्त: सुबह 05:45 से 07:14 बजे तक
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अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:46 से 12:38 बजे तक
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अवधि: कुल 52 मिनट
घटस्थापना नवरात्रि की शुरुआत का प्रतीक होती है। इस दिन कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है। शुभ मुहूर्त में घट स्थापना करने से साधना में सफलता प्राप्त होती है।
रखें विशेष ध्यान
1. मांस-मदिरा और तामसिक भोजन से परहेज़ करें
गुप्त नवरात्रि में शुद्ध सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। मांस, शराब, प्याज-लहसुन जैसे तामसिक पदार्थों से दूर रहें, अन्यथा साधना निष्फल हो सकती है।
2. स्थान, तन और मन की पवित्रता रखें
पूजा स्थल पूरी तरह स्वच्छ और व्यवस्थित होना चाहिए। गंदे और अपवित्र स्थान पर पूजा करने से देवी की कृपा प्राप्त नहीं होती। साथ ही, तन-मन की भी शुद्धता बनाए रखें।
3. कटु वचन, क्रोध और अपशब्दों से बचें
नवरात्रि के दौरान शांति और संयम का पालन करें। क्रोध, गाली-गलौज, झूठ और दूसरों का अपमान करने से देवी का आशीर्वाद नहीं मिलता।
4. मां दुर्गा की मूर्ति या पूजन सामग्री को गंदे हाथों से न छुएं
देवी की मूर्ति, वस्त्र या पूजन सामग्री को बिना स्नान किए या गंदे हाथों से न छुएं। यह अपवित्रता मानी जाती है और इससे पूजा का फल व्यर्थ हो सकता है।
गुप्त नवरात्रि का महत्व
गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ गुप्त स्वरूपों की साधना की जाती है। यह समय तंत्र-मंत्र, साधना, सिद्धि और आत्मबल बढ़ाने का होता है। जिन भक्तों की विशेष तांत्रिक साधनाओं में रुचि होती है, उनके लिए यह अत्यंत फलदायी काल माना जाता है।