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साल के आखिरी बुधवार पर गणेश उपाय: 31 दिसंबर को विशेष संयोग, नए साल में सुख-समृद्धि का संकेत
धर्म डेस्क
बुध ग्रह और भगवान गणेश की आराधना से दूर होंगी बाधाएं, ज्योतिष में बताए गए हैं खास उपाय
साल 2025 का अंतिम बुधवार, 31 दिसंबर, धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। यह दिन भगवान गणेश और बुध ग्रह को समर्पित माना जाता है। मान्यता है कि साल के आखिरी बुधवार को की गई पूजा और उपाय आने वाले वर्ष के लिए शुभ संकेत लेकर आते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिन किए गए गणेश उपाय जीवन में चल रही बाधाओं को दूर करने और नए साल में सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।
पंचांग के अनुसार, इस बुधवार को ब्रह्म योग और ऐन्द्र योग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं, जो दिन की सकारात्मकता को और बढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही चंद्रमा का बुध से जुड़ी राशि में गोचर दिन को बुद्धि, निर्णय क्षमता और व्यापारिक दृष्टि से प्रभावशाली बना रहा है। ज्योतिष में बुधवार को बुद्धि, वाणी, शिक्षा और व्यापार से जुड़ा दिन माना जाता है, जबकि भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा गया है। यही कारण है कि साल के अंतिम बुधवार को उनकी आराधना को विशेष फलदायी माना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ और हरे रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। घर या मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा के समक्ष घी का दीपक जलाकर दूर्वा और मोदक अर्पित किए जाते हैं। इसके बाद “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जप और गणेश आरती करने की परंपरा है। माना जाता है कि इस विधि से पूजा करने पर बुद्धि प्रखर होती है और कार्यों में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।
ज्योतिष शास्त्र में बुधवार के दिन गणेश को गीले चावल का भोग लगाने का भी विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, गणेशजी सूखे और कठोर चावल ग्रहण नहीं करते, इसलिए गीले चावल के साथ नारियल या नारियल से बनी मिठाई चढ़ाना शुभ माना जाता है। यह उपाय विशेष रूप से आर्थिक स्थिरता और मानसिक शांति से जोड़ा जाता है।
इसके अलावा, साल के अंतिम बुधवार की शाम एक पारंपरिक उपाय का भी उल्लेख मिलता है। इसमें सात साबुत कौड़ियां और एक मुट्ठी हरी मूंग दाल को हरे कपड़े में बांधकर किसी मंदिर की सीढ़ियों पर शांत भाव से रखने की मान्यता है। इसे करते समय गोपनीयता और श्रद्धा बनाए रखने की सलाह दी जाती है। मान्यता है कि इस उपाय से धीरे-धीरे भाग्य में सकारात्मक बदलाव आने लगते हैं।
धार्मिक जानकारों का कहना है कि इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। जरूरतमंदों को हरी सब्जियां, मूंग दाल या वस्त्र दान करने के साथ वर्षभर हुई भूलों के लिए क्षमा याचना और नए साल में अच्छे कर्मों का संकल्प लेने को शुभ माना गया है। विश्वास किया जाता है कि गणेश और बुध की कृपा से व्यक्ति के जीवन में स्थिरता, समृद्धि और संतुलन बना रहता है।
हालांकि, विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि उपायों के साथ-साथ सकारात्मक सोच और कर्म ही वास्तविक बदलाव की नींव रखते हैं। धार्मिक आस्था को आत्मविश्वास और नैतिक आचरण से जोड़कर देखने से ही नए साल की शुरुआत सार्थक मानी जाती है।
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