जनजातीय छात्रावासों में सख्ती: अब अधीक्षक बच्चों के साथ ही रात में रुकेंगे, लापरवाही पर कार्रवाई

मध्यप्रदेश

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छात्राओं की सुरक्षा के लिए नई व्यवस्था, छात्रावासों में सीसीटीवी-बायोमेट्रिक अनिवार्य; यूनियन कार्बाइड की जमीन पर फैसला मुख्यमंत्री करेंगे

प्रदेश के जनजातीय छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों, खासकर छात्राओं की सुरक्षा और अनुशासन को लेकर राज्य सरकार ने कड़े फैसले लिए हैं। अब छात्रावासों में अधीक्षक का रात में मौजूद रहना अनिवार्य होगा। जो अधीक्षक इस नियम का पालन नहीं करेगा, उसे पद से हटाया जाएगा। यह निर्णय छात्रावासों में लगातार मिल रही शिकायतों और सुरक्षा से जुड़े मामलों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

सरकार के अनुसार, प्रदेश में इस समय बड़ी संख्या में ऐसे अधीक्षक कार्यरत हैं जो मूल रूप से शिक्षक हैं। इनमें से कई न तो नियमित रूप से पढ़ा रहे हैं और न ही छात्रावासों में समय दे रहे हैं। इस स्थिति को बच्चों के हित में उचित नहीं माना गया। इसी वजह से अब नई अधीक्षक कैडर प्रणाली लागू करने की तैयारी है। योजना के तहत अगले कुछ वर्षों में चरणबद्ध तरीके से पूर्णकालिक अधीक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, जबकि वर्तमान में अधीक्षक बने शिक्षकों को उनके मूल शिक्षण कार्य में लौटाया जाएगा।

छात्राओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सरकार ने तय किया है कि हर छात्रावास में अधीक्षक के लिए आवासीय व्यवस्था होगी। अधीक्षक को बच्चों के साथ ही परिसर में रुकना होगा, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। इसके अलावा संभाग स्तर पर विशेष निगरानी टीमें बनाई गई हैं, जो छात्रावासों का औचक निरीक्षण करेंगी और व्यवस्थाओं की रिपोर्ट तैयार करेंगी।

तकनीकी निगरानी को मजबूत करने के लिए भी बड़े कदम उठाए गए हैं। प्रदेश के करीब 2500 जनजातीय छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरे और बायोमेट्रिक या थंब इम्प्रेशन सिस्टम लगाए जाएंगे। इससे यह रिकॉर्ड रखा जा सकेगा कि कौन व्यक्ति कब छात्रावास में आया और कब गया। भोजन की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए रोजाना परोसी जाने वाली थाली की तस्वीर भेजना भी अनिवार्य किया जाएगा।

इस बीच, भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री परिसर की जमीन को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की गई है। सरकार का कहना है कि यह जमीन अत्यंत कीमती है और इसके उपयोग को लेकर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री स्तर पर ही लिया जाएगा। लंबे समय से लंबित कचरा निष्पादन की प्रक्रिया को पूरा करना सरकार की एक बड़ी उपलब्धि बताया गया है।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि आगामी शिक्षा सत्र से पहले किसी भी छात्रावास में बिना पुलिस सत्यापन के कोई कर्मचारी नियुक्त नहीं होगा। सुरक्षा गार्ड से लेकर अन्य स्टाफ की पृष्ठभूमि जांच अनिवार्य की जाएगी।

इसके साथ ही जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा के विस्तार पर भी जोर दिया जा रहा है। प्रत्येक विकासखंड में आधुनिक सुविधाओं वाले स्कूल, छात्रावास और सांस्कृतिक केंद्र विकसित करने की योजना है। सरकार का दावा है कि इन कदमों से न केवल छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि जनजातीय विद्यार्थियों को बेहतर और सुरक्षित शैक्षणिक माहौल भी मिलेगा।

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