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26 मई को सोमवती अमावस्या: पति की दीर्घायु, पितृशांति और समृद्धि के लिए करें ये विशेष उपाय
Dharm desk

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 26 मई 2025, सोमवार को ज्येष्ठ मास की अमावस्या पड़ रही है, जिसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। यह तिथि अत्यंत शुभ मानी जाती है, खासकर महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखने और पितृ दोष निवारण के लिए तर्पण व दान करने के दृष्टिकोण से।
क्यों विशेष है सोमवती अमावस्या?
जब अमावस्या तिथि सोमवार को आती है तो उसे ‘सोमवती अमावस्या’ कहते हैं। इस दिन गंगा स्नान, पितरों को तर्पण, शिव पूजन, और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि इस दिन किए गए कर्मों का फल कई गुना बढ़ जाता है। खासकर गरुड़ पुराण के अनुसार, पितरों की आत्मा की शांति और पितृ दोष से मुक्ति के लिए यह तिथि सर्वश्रेष्ठ मानी गई है।
स्नान और दान से मिलता है पुण्य
पवित्र नदियों में स्नान करना इस दिन विशेष पुण्यदायक माना जाता है। यदि संभव न हो तो घर पर नहाने के जल में कुछ बूंदें गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य देना, जरूरतमंदों को अन्न, तिल, आंवला, घी और वस्त्र दान करना अत्यंत शुभ होता है।
पितरों के लिए करें तर्पण और ध्यान
इस दिन दोपहर 12 बजे के आसपास घर में गाय के गोबर से बने कंडे जलाकर, उसमें गुड़ और घी अर्पित करें। हथेली में जल लेकर अंगूठे की ओर से दक्षिण दिशा की ओर पितरों को अर्घ्य दें। पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाकर उसकी पूजा करना तथा सात बार परिक्रमा करने से भी पितृ तृप्त होते हैं।
महिलाएं रखें व्रत, करें ये कार्य
सुहागन महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान शिव की पूजा करती हैं। शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र अर्पित करके ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करना शुभ फलदायक होता है। हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ भी इस दिन विशेष रूप से लाभकारी माना गया है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्व
अमावस्या तिथि पर सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में स्थित होते हैं। यह समय आध्यात्मिक चिंतन, ध्यान, और मानसिक शांति के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन जन्म लेने वाले जातकों की कुंडली में अक्सर चंद्र दोष पाया जाता है, जिसे विशेष पूजन से शांत किया जा सकता है।
करें ये सरल उपाय
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गाय को तिल के साथ बनी रोटी खिलाएं।
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मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर डालें।
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जल में तिल मिलाकर दक्षिण दिशा में तर्पण करें।
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काले कुत्ते को दूध पिलाएं जिससे मानसिक तनाव कम होता है।
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ईशान कोण में लाल बत्ती वाला दीपक जलाएं, मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
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चींटियों को शक्कर मिला आटा डालना भी शुभ माना गया है।
इस वर्ष दो बार बन रहा संयोग
पंचांग की गणना के अनुसार, 2025 में दो बार सोमवती अमावस्या का योग बन रहा है — पहला 26 मई और दूसरा 20 अक्टूबर को। दोनों ही तिथियां सोमवार को पड़ रही हैं, इसलिए इन दिनों शिव-पार्वती पूजा और पितृ तर्पण का विशेष महत्व रहेगा।