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पंचांग : आज भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा का संगम: जानिए 23 अक्टूबर का शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व
Dharm, Desk

आज का दिन धार्मिक श्रद्धा और पारिवारिक प्रेम का अद्भुत संगम लेकर आया है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर तीन पवित्र पर्व एक साथ मनाए जा रहे हैं — भैया दूज, यम द्वितीया और चित्रगुप्त पूजा। यह दिन भाई-बहन के स्नेह, कर्मफल और धर्मपालन के संकल्प का प्रतीक माना जाता है।
आज का पंचांग
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विक्रम संवत: 2081
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माह: कार्तिक
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पक्ष: शुक्ल पक्ष
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तिथि: द्वितीया
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दिन: गुरुवार
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योग: आयुष्मान
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नक्षत्र: विशाखा
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करण: बलव
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चंद्र राशि: तुला
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सूर्य राशि: तुला
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सूर्योदय: सुबह 06:39 बजे
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सूर्यास्त: शाम 06:07 बजे
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चंद्रोदय: सुबह 07:57 बजे
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चंद्रास्त: शाम 06:34 बजे
शुभ मुहूर्त और वर्जित काल
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राहुकाल: दोपहर 1:49 से 3:15 बजे तक
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यमगंड काल: सुबह 6:39 से 8:05 बजे तक
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अभिजीत मुहूर्त: 11:44 से 12:28 बजे तक (शुभ कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ समय)
आज के ग्रह-नक्षत्र
चंद्रमा आज तुला राशि में और विशाखा नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं। यह नक्षत्र इन्द्राग्नि देवता से जुड़ा है और इसके अधिपति ग्रह बृहस्पति हैं। यह दिन नए कार्यों की शुरुआत, पारिवारिक दायित्वों के निर्वहन और व्यावसायिक निर्णयों के लिए शुभ माना गया है।
आज के पर्वों का महत्व
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भैया दूज: बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर दीर्घायु की कामना करती हैं। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है।
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यम द्वितीया: इस दिन यमराज और यमुना के मिलन की पौराणिक कथा से प्रेरित होकर यमराज की पूजा की जाती है, जिससे अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
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चित्रगुप्त पूजा: धर्मराज के लेखाकार देवता चित्रगुप्त की पूजा का विशेष विधान है। व्यापारी, लेखाकार और विद्यार्थी इस दिन कलम, किताब और खाते की पूजा करते हैं ताकि ज्ञान और न्याय में वृद्धि हो।
आज का संदेश
यह दिन स्नेह, सत्य और संकल्प का प्रतीक है।
भाई-बहन के बीच विश्वास की डोर और मजबूत करने के साथ ही, अपने कर्मों का लेखा-जोखा भी आत्मचिंतन से करें।
चित्रगुप्त पूजा का संदेश है — “सत्य और धर्म ही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी हैं।”