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आज का पंचांग: 31 दिसंबर 2025 को पुत्रदा एकादशी, अर्धरात्रि बाद द्वादशी तिथि का आरंभ; जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल
धर्म डेस्क
पुत्रदा एकादशी व्रत, अर्धरात्रि के बाद द्वादशी तिथि का आरंभ, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त
आज बुधवार, 31 दिसंबर 2025 को पौष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। आज पुत्रदा एकादशी का व्रत वैष्णव परंपरा के अनुसार रखा जा रहा है। पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का क्षय होकर अर्धरात्रि के बाद द्वादशी तिथि का आरंभ होगा। वर्ष के अंतिम दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति धार्मिक अनुष्ठानों और व्रत-पाठ के लिए विशेष मानी जा रही है।
तिथि, वार और संवत
आज राष्ट्रीय मिति पौष मास की शुक्ल पक्ष एकादशी, शक संवत 1947 और विक्रम संवत 2082 चल रहा है। सौर पंचांग के अनुसार पौष मास प्रविष्टे 17 है। आज बुधवार का दिन है। सूर्य उत्तरायण में स्थित है और शिशिर ऋतु का प्रभाव बना हुआ है।
तिथि और नक्षत्र का विवरण
एकादशी तिथि आज दिन में क्षय मानी गई है। द्वादशी तिथि अर्धरात्रि के बाद रात 1 बजकर 48 मिनट तक रहेगी, जिसके बाद त्रयोदशी तिथि प्रारंभ होगी। नक्षत्र की बात करें तो कृतिका नक्षत्र रात 1 बजकर 30 मिनट तक रहेगा, इसके बाद रोहिणी नक्षत्र आरंभ होगा। योग में साध्य योग रात 9 बजकर 13 मिनट तक रहेगा, फिर शुभ योग का आरंभ होगा।
चंद्रमा की स्थिति
आज चंद्रमा सुबह 9 बजकर 23 मिनट तक मेष राशि में रहेगा। इसके बाद चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में प्रवेश करेगा, जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से शुभ माना जाता है। इससे मन की स्थिरता और भौतिक सुखों में वृद्धि के संकेत मिलते हैं।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
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सूर्योदय: सुबह 7 बजकर 13 मिनट
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सूर्यास्त: शाम 5 बजकर 34 मिनट
आज के शुभ मुहूर्त
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ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:24 से 6:19 तक
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विजय मुहूर्त: दोपहर 2:08 से 2:49 तक
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निशिथ काल: रात 11:57 से 12:52 तक
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गोधूलि बेला: शाम 5:32 से 6:00 तक
ये समय पूजा-पाठ, जप-तप और शुभ कार्यों के लिए अनुकूल माने जाते हैं।
आज के अशुभ मुहूर्त
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राहुकाल: दोपहर 12:00 से 1:30 तक
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गुलिक काल: सुबह 10:30 से 12:00 तक
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यमगंड: सुबह 7:30 से 9:00 तक
इन समयों में शुभ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है।
आज का व्रत-त्योहार
आज पुत्रदा एकादशी का व्रत है, जिसे संतान सुख, पारिवारिक शांति और भगवान विष्णु की कृपा के लिए रखा जाता है।
आज का विशेष उपाय
धार्मिक मान्यता के अनुसार आज श्री गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करना लाभकारी माना गया है। इससे मानसिक शांति और कार्यों में सफलता मिलने की मान्यता है।
नोट: पंचांग का विवरण स्थान विशेष के अनुसार कुछ मिनटों के अंतर के साथ बदल सकता है। धार्मिक अनुष्ठान से पूर्व स्थानीय पंचांग अवश्य देखें।
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