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हरियाली अमावस्या पर पितरों की पूजा से मिलेगी कृपा, 24 जुलाई 2025 का पंचांग
Dharm desk

आज 24 जुलाई 2025, गुरुवार को श्रावण मास की अमावस्या तिथि है, जिसे हरियाली अमावस्या, आदि अमावसई या दर्श अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है।
यह तिथि श्रद्धा, ध्यान और पितृ तर्पण के लिए अत्यंत पवित्र मानी जाती है। इस दिन माता काली का शासन होता है और इसे अंधकार की रात्रि भी कहा जाता है।
पंचांग के अनुसार, यह समय ध्यान, दान, पितृ पूजन और सेवा कार्यों के लिए श्रेष्ठ है। लेकिन किसी भी नई शुरुआत, विवाह या खरीददारी जैसे कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है। नई शुरुआत के लिए चंद्रमा के उदय की प्रतीक्षा करना श्रेष्ठ रहेगा।
24 जुलाई 2025 – आज का पंचांग
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विक्रम संवत: 2081
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मास: श्रावण
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पक्ष: कृष्ण पक्ष
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तिथि: अमावस्या
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वार: गुरुवार
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योग: हर्शन
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नक्षत्र: पुनर्वसु
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करण: चतुष्पाद
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चंद्र राशि: मिथुन
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सूर्य राशि: कर्क
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सूर्योदय: सुबह 06:06 बजे
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सूर्यास्त: शाम 07:25 बजे
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चंद्रास्त: शाम 07:16 बजे
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चंद्रोदय: नहीं होगा
आज के दिन क्या न करें
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राहुकाल: दोपहर 14:25 से 16:05 तक — इस समय कोई शुभ कार्य न करें
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यमगंड: सुबह 06:06 से 07:46 तक
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गुलिक काल, दुमुहूर्त और वर्ज्यम्: शुभ कार्यों से परहेज
नक्षत्र विशेष: वाहन खरीद और यात्रा के लिए अनुकूल
आज चंद्रमा मिथुन राशि में और पुनर्वसु नक्षत्र में रहेगा, जो यात्रा, वाहन खरीद, बागवानी, पूजा, सामाजिक गतिविधियों और मित्रों से मिलने के लिए शुभ है। इस नक्षत्र की अधिष्ठात्री देवी अदिति हैं और इसका स्वामी ग्रह बृहस्पति है।
हरियाली अमावस्या पर क्यों करें पितृ पूजा?
यह दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति और कृपा प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम है। मान्यता है कि इस दिन पितरों के निमित्त दान, तर्पण और भोजन कराने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।