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आज से शुरू हुआ विंबलडन 2025: जोकोविच 25वें ग्रैंड स्लैम की तलाश में, जानिए इस ऐतिहासिक टूर्नामेंट की खास बातें
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दुनिया का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित टेनिस टूर्नामेंट विंबलडन आज से लंदन के ऑल इंग्लैंड क्लब में शुरू हो गया है। यह इसका 138वां संस्करण है, जिसकी शुरुआत वर्ष 1877 में हुई थी। यह वर्ष का तीसरा ग्रैंड स्लैम है और एकमात्र ऐसा टूर्नामेंट है जो ग्रास कोर्ट पर खेला जाता है।
सर्बिया के दिग्गज नोवाक जोकोविच इस टूर्नामेंट में अपने करियर का 25वां ग्रैंड स्लैम जीतने के लिए उतरेंगे। हालांकि, उनके सामने स्पेन के युवा सितारे कार्लोस अल्काराज की कड़ी चुनौती है, जिन्होंने पिछले साल के फाइनल में जोकोविच को हराकर खिताब जीता था।
टूर्नामेंट का आयोजन करता है निजी क्लब
विंबलडन एकमात्र ऐसा ग्रैंड स्लैम है जिसका आयोजन कोई सरकारी संस्था नहीं बल्कि "ऑल इंग्लैंड क्लब" करता है। इसकी स्थापना 1868 में हुई थी। यह एक प्राइवेट क्लब है, जिसके वर्तमान में 500 सदस्य हैं और कैथरीन एलिजाबेथ मिडलटन (प्रिंसेस ऑफ वेल्स) इसकी मालकिन हैं।
विंबलडन की अनोखी परंपराएं जो आज भी कायम हैं
ड्रेस कोड: केवल सफेद
विंबलडन की सबसे मशहूर परंपरा खिलाड़ियों के लिए पूरी तरह सफेद कपड़े पहनना अनिवार्य है। 2022 में इस नियम को लेकर विरोध भी हुआ था, लेकिन आयोजन समिति अपने नियमों पर अडिग रही।
बॉल बॉय और गर्ल्स की चयन प्रक्रिया
यहां काम करने वाले बॉल बॉय और बॉल गर्ल्स को ‘BBG’ कहा जाता है। इनका चयन स्कूलों के माध्यम से होता है और इन्हें टेनिस नियमों पर आधारित लिखित परीक्षा पास करनी होती है।
स्ट्रॉबेरी-क्रीम और ब्रिटिश वाइन की परंपरा
दर्शकों को स्ट्रॉबेरी और क्रीम तथा ब्रिटिश वाइन परोसना एक लंबे समय से चली आ रही परंपरा है, जो विंबलडन को और भी खास बनाती है।
ट्रॉफी, परंपरा और रोचक फैक्ट्स
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1887 से ट्रॉफी नहीं बदली गई है। विजेता को सिर्फ उसकी नकल (रिप्लिका) दी जाती है जबकि असली ट्रॉफी क्लब के म्यूजियम में रखी जाती है।
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पुरुषों को कप और महिलाओं को प्लेट के आकार में बनी चांदी की ट्रॉफी दी जाती है।
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कबूतरों से कोर्ट को बचाने के लिए स्पेशल हॉक 'रूफस' को रखा गया है, जो पिछले 15 वर्षों से सेवा दे रहा है।