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रायपुर में कब्र से निकाली गई लाश: एक्सीडेंट के बाद अज्ञात समझकर दफनाया, परिजनों ने JCB से बाहर निकलवाया
Raipur, CG
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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक विचलित कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक की पहले सड़क दुर्घटना में मौत हुई, फिर अज्ञात समझकर पुलिस ने उसे दफना दिया, लेकिन बाद में जब परिजनों को जानकारी मिली तो उन्होंने जेसीबी मशीन से कब्र खुदवाकर शव को बाहर निकलवाया। घटना ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या है मामला?
यह घटना उरला थाना क्षेत्र के बायपास रिंग रोड की है। 26 जून की शाम करीब 5:30 बजे एक अज्ञात वाहन ने 26 वर्षीय युवक को जोरदार टक्कर मारी। हादसा इतना भीषण था कि युवक की मौके पर ही मौत हो गई और शव के कई टुकड़े हो गए थे।
पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शिनाख्त की कोशिश की, लेकिन कोई दस्तावेज़, पहचान पत्र या परिजन सामने नहीं आए। इसलिए, तीसरे दिन शव का पोस्टमार्टम करवा कर उसे दफना दिया गया।
परिजनों ने गोदना और कपड़ों से की पहचान
28 जून को मृतक के परिजन उरला थाने पहुंचे और एक युवक की गुमशुदगी दर्ज कराने आए। पुलिस ने हाल ही में हुए एक्सीडेंट की जानकारी दी और जब उन्हें शव की तस्वीरें दिखाई गईं, तो परिजनों ने कपड़ों और कलाई पर गोदे गए नाम से पहचान की पुष्टि की।
मृतक की पहचान दयानंद वर्मा (26 वर्ष), निवासी कैलाश नगर, उरला के रूप में हुई। इसके बाद प्रशासन की अनुमति से शव को जेसीबी मशीन से खुदवाकर बाहर निकाला गया।
कानूनी प्रक्रिया के तहत परिजनों को सौंपा शव
इस घटना के बाद कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव परिजनों को सौंपा गया। प्रशासन ने बताया कि यह कार्रवाई कानून के अनुसार और पूरी सावधानी से की गई है। हालांकि, परिजन इस बात से दुखी हैं कि पहचान के प्रयासों में गंभीरता नहीं दिखाई गई।
सवालों के घेरे में पुलिस की प्राथमिक पहचान प्रक्रिया
घटना के बाद स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए हैं कि पुलिस को शव की शिनाख्त के लिए और प्रयास करने चाहिए थे, विशेष रूप से तब, जब शरीर पर स्थायी गोदना (टैटू) जैसी पहचान योग्य चीजें मौजूद थीं।