- Hindi News
- टॉप न्यूज़
- पुरी रथयात्रा में मची भगदड़, 3 श्रद्धालुओं की मौत: 50 घायल, CM ने जताया दुख, अफसरों पर गिरी गाज
पुरी रथयात्रा में मची भगदड़, 3 श्रद्धालुओं की मौत: 50 घायल, CM ने जताया दुख, अफसरों पर गिरी गाज
Jagran Desk

पुरी में रविवार तड़के भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए। घटना सुबह करीब 4 बजे गुंडिचा मंदिर के सामने हुई, जब भगवान जगन्नाथ का रथ दर्शन के लिए पहुंचा।
दर्शन के दौरान मची अफरा-तफरी
जानकारी के अनुसार, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ पहले ही गुंडिचा मंदिर पहुंच चुके थे। जैसे ही भगवान जगन्नाथ का रथ वहां पहुंचा, श्रद्धालुओं की भीड़ बेकाबू हो गई और एकाएक भगदड़ की स्थिति बन गई। पुलिस बल की कम तैनाती और भीड़ नियंत्रण में लापरवाही इस हादसे का बड़ा कारण मानी जा रही है।
तीन श्रद्धालुओं की मौत, छह की हालत गंभीर
हादसे में मारी गई श्रद्धालुओं की पहचान बसंती साहू (36), प्रेमकांति महांति (78) और प्रभाती दास के रूप में हुई है। घायलों में से छह की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें पुरी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। कई परिजन अस्पताल के बाहर बेसुध रोते देखे गए।
मुख्यमंत्री ने मांगी माफी, बड़े प्रशासनिक फेरबदल
घटना के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गहरी संवेदना जताते हुए सभी श्रद्धालुओं से माफी मांगी है। उन्होंने अपने बयान में कहा, "यह प्रशासनिक लापरवाही माफ करने लायक नहीं है।" इसके तुरंत बाद पुरी के कलेक्टर और एसपी को हटाकर नए अफसरों की नियुक्ति की गई। साथ ही, डीसीपी और एक कमांडेंट को सस्पेंड भी कर दिया गया।
बीते दिनों भी भीड़ में बिगड़ी थी स्थिति
यह पहली बार नहीं है जब रथयात्रा में अफरा-तफरी का माहौल बना हो। शुक्रवार को भी भीड़ के दबाव के चलते 600 से ज्यादा श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई थी। शनिवार को एक श्रद्धालु को हालत बिगड़ने पर मेडिकल सेंटर तक पहुंचाना पड़ा।
रथयात्रा की परंपरा और भीड़ की चुनौती
पुरी की रथयात्रा देश की सबसे प्रमुख धार्मिक यात्राओं में से एक मानी जाती है, जिसमें हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के तीन अलग-अलग रथ गुंडिचा मंदिर तक खींचे जाते हैं, जहां ये रथ नौ दिनों तक विराजमान रहते हैं। इस साल यात्रा 27 जून से शुरू होकर 29 जून को पूरी हुई।
पूर्व में भी हुए हैं जानलेवा हादसे
-
2024: 7 जुलाई को रथयात्रा के दौरान भगदड़ में 2 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
-
2008: रथयात्रा के पहले दिन 6 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी और दर्जनों घायल हुए थे।