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बुलडोजर की गूंज में टूटा अपराध का अड्डा: रायपुर में हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के ऑफिस पर चला एक्शन; डिप्टी CM बोले- आतंक का फन कुचलना आता है
Raipur, CG

रायपुर के भाठागांव में कुख्यात हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के अवैध रूप से बने ऑफिस पर नगर निगम ने रविवार सुबह बुलडोजर चलाकर बड़ी कार्रवाई की।
यह वही दफ्तर था जहां से रोहित और वीरेंद्र तोमर द्वारा सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग जैसे आपराधिक धंधे संचालित किए जाते थे। फिलहाल दोनों भाई फरार हैं और रायपुर पुलिस ने उनकी जानकारी देने पर इनाम घोषित कर रखा है।
कार्रवाई के दौरान नगर निगम की टीम भारी पुलिस बल के साथ पहुंची। रोहित तोमर ने यह दफ्तर अपनी पत्नी भावना के नाम पर 'शुभकामना वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड' के तहत खोला था। कार्रवाई से पहले ऑफिस स्टाफ ने जरूरी सामान हटाया।
भावना तोमर गिरफ्त में, लग्जरी कार और दस्तावेज जब्त
10 दिन पहले पुलिस ने रोहित की पत्नी भावना तोमर को गिरफ्तार किया था, जो कंपनी की संचालिका थी। उस पर एक व्यक्ति को 3 लाख उधार देकर 15 लाख की जगुआर कार गिरवी रखने और फिर 5 लाख लेने के बाद भी 10 लाख की जबरन मांग करने का आरोप है। पुलिस ने भावना के पास से दो मोबाइल, कार और दस्तावेज जब्त किए हैं।
जांच में खुलासा हुआ कि कार तोमर बंधुओं की नहीं, बल्कि भिलाई निवासी मनोज वर्मा की है, जिसने कर्ज के बदले कार गिरवी रखी थी। पैसा लौटाने के बावजूद कार नहीं लौटाई गई थी।
सरकार का कड़ा संदेश: 'तुर्रम खां हो या जिहादी, बुलडोजर बोलता है'
प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने लिखा— "मंत्री-मुख्यमंत्री के साथ फोटो खिंचाने से कोई कानून से ऊपर नहीं होता। अपराधियों ने लोगों को पीड़ा दी, कार्रवाई होकर रहेगी।"
डिप्टी CM अरुण साव ने कहा— "बुलडोजर तो चलेगा। जब विपक्ष में थे तब भी स्पष्ट थे, अब सरकार में हैं तब भी। तब माइक से बोलते थे, आज बुलडोजर बोलता है। आतंक का फन कुचलना आता है।"
6 से अधिक गंभीर केस, कोर्ट से उद्घोषणा जारी
तोमर ब्रदर्स के खिलाफ सूदखोरी, धमकी, अवैध वसूली और ब्लैकमेलिंग जैसे 6 से ज्यादा केस दर्ज हैं। 18 जुलाई को कोर्ट में पेश न होने पर दोनों को फरार घोषित कर उद्घोषणा नोटिस जारी किया गया। पुलिस ने कई राज्यों में दबिश दी, लेकिन गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई।
कोर्ट की उद्घोषणा का क्या मतलब होता है?
जब कोई आरोपी बार-बार कोर्ट में पेश नहीं होता, तो कोर्ट सार्वजनिक रूप से उद्घोषणा जारी करता है, जिसे अखबारों, सार्वजनिक स्थलों और नोटिस बोर्डों पर लगाया जाता है। तय तारीख तक पेश न होने पर उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट और संपत्ति कुर्की जैसी कार्रवाई की जाती है।