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छत्तीसगढ़ के कांकेर में अंतिम संस्कार पर बवाल: चर्च में तोड़फोड़, कब्र से निकाला गया शव, भीड़ और पुलिस आमने-सामने
Kanker, CG

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के जामगांव गांव में सोमवार को एक अंतिम संस्कार को लेकर तनाव फैल गया। गांव में एक ईसाई व्यक्ति के शव को दफनाने के बाद सैकड़ों ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए चर्च में तोड़फोड़ कर दी और घरों में घुसकर सामान बाहर फेंक दिया।
विवाद इतना बढ़ा कि पुलिस की मौजूदगी में कब्र से शव को बाहर निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजना पड़ा।
शव दफनाने पर भड़का विवाद, हत्या की आशंका
मृतक की पहचान सोमलाल राठौर (40 वर्ष) के रूप में हुई है, जिसने कुछ वर्ष पूर्व ईसाई धर्म अपना लिया था। 26 जुलाई को उसकी मृत्यु के बाद परिवार ने 27 जुलाई को गांव में ही अपने खेत पर ईसाई परंपराओं के अनुसार अंतिम संस्कार कर दिया। इसकी जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने इसे "गांव की परंपरा और देव प्रथा" के खिलाफ बताते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
मृतक के भाई भुनेश्वर राठौर ने दावा किया है कि उनके भाई की हत्या कर शव को गुपचुप दफनाया गया है। उन्होंने प्रशासन से इस पूरे मामले की जांच और शव के पोस्टमॉर्टम की मांग की थी।
चर्च और घरों में तोड़फोड़, 1000 से अधिक लोग पहुंचे
28 जुलाई को 500 से अधिक लोग लाठी-डंडों के साथ चर्च पहुंचे और वहां मौजूद सामग्रियों को बाहर निकालकर फेंक दिया। चर्च के साथ-साथ संबंधित घरों में भी तोड़फोड़ की गई। कुछ ग्रामीण दीवारों पर चढ़कर खिड़कियों और दरवाज़ों को नुकसान पहुंचाते नजर आए। वीडियो फुटेज में भीड़ के उग्र रूप को देखा जा सकता है।
पुलिस की निगरानी में कब्र से निकाली गई डेडबॉडी
घटना की सूचना मिलते ही नरहरपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। एसडीएम की मौजूदगी में शव को कब्र से निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। कांकेर एसपी आईके एलिसेला ने कहा कि हत्या की आशंका और धार्मिक तनाव के चलते यह संवेदनशील मामला है, और सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
“शिकायत के आधार पर जांच चल रही है। किसी को कानून हाथ में लेने नहीं दिया जाएगा,” – आईके एलिसेला, एसपी कांकेर
गांव वालों की दलील – देव परंपरा का उल्लंघन
ग्रामीणों और गांव की सरपंच भगवती उइके ने बताया कि उन्हें अंतिम संस्कार की कोई सूचना नहीं दी गई थी और गांव के बीच में शव को दफनाना परंपरा के विरुद्ध है। सरपंच का कहना है कि गांव में 'देव प्रथा' प्रचलित है और यह प्रथा गांव की पवित्रता और सामाजिक संतुलन का हिस्सा मानी जाती है।
प्रशासन की अपील – शांति बनाए रखें
कांकेर कलेक्टर निलेश क्षीरसागर ने बताया कि प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है और कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।