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CG कांग्रेस में संगठन सशक्तिकरण की कवायद: राहुल गांधी जनवरी में जिलाध्यक्षों को देंगे ट्रेनिंग
रायपुर (छ.ग.)
बस्तर या सरगुजा में संभावित प्रशिक्षण शिविर, खड़गे समेत कई राष्ट्रीय नेता होंगे शामिल; अगले चुनावों की रणनीति पर होगा फोकस
छत्तीसगढ़ में संगठन को मजबूत करने और आगामी चुनावों की तैयारी को धार देने के उद्देश्य से कांग्रेस नेतृत्व बड़ा कदम उठाने जा रहा है। जनवरी 2026 में राज्य के सभी कांग्रेस जिलाध्यक्षों के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा, जिसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी स्वयं प्रशिक्षण देंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह शिविर बस्तर या सरगुजा संभाग में आयोजित किया जा सकता है। दोनों ही क्षेत्र आदिवासी बहुल हैं और कांग्रेस की राजनीतिक रणनीति में इनका विशेष महत्व माना जाता है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरी तरह संगठनात्मक मजबूती, जमीनी संपर्क और आधुनिक राजनीतिक संचार पर केंद्रित होगा। जिलाध्यक्षों को संगठन संचालन, बूथ मैनेजमेंट, मीडिया हैंडलिंग, सोशल मीडिया कैंपेन और जनता से सीधा संवाद स्थापित करने के तरीकों पर व्यावहारिक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। शिविर में सभी जिलाध्यक्षों की अनिवार्य उपस्थिति तय की गई है।
इस प्रशिक्षण शिविर में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, सुप्रिया श्रीनेत, पवन खेड़ा और शशिकांत सेंथिल समेत कई राष्ट्रीय स्तर के रणनीतिकार और विषय विशेषज्ञ शामिल हो सकते हैं। छत्तीसगढ़ कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी को दो दिन तक शिविर में शामिल रहने का प्रस्ताव भेजा गया है, जिस पर अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व के कार्यक्रम तय होने के बाद लिया जाएगा।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी केवल औपचारिक संबोधन तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि जिलाध्यक्षों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत भी करेंगे। इस दौरान वे जिलों की सामाजिक संरचना, राजनीतिक चुनौतियों, संगठन की स्थिति और स्थानीय मुद्दों पर फीडबैक लेंगे। माना जा रहा है कि यह संवाद आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों की रणनीति तय करने में अहम भूमिका निभाएगा।
प्रशिक्षण शिविर को लेकर सख्त अनुशासन के निर्देश भी जारी किए गए हैं। जिलाध्यक्षों को प्रशिक्षण शुरू होने से एक दिन पहले स्थल पर पहुंचना होगा। सुरक्षा गनमैन, ड्राइवर और निजी सहायक को शिविर परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। पार्टी का मानना है कि इससे प्रशिक्षण के दौरान पूर्ण एकाग्रता और अनुशासन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
ठंड के मौसम को देखते हुए जिलाध्यक्षों को आवश्यक तैयारियों के साथ आने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य संबंधी दवाएं, आरामदायक जूते और व्यक्तिगत सामान की स्पष्ट पहचान अनिवार्य की गई है। पार्टी नेतृत्व इसे केवल प्रशिक्षण नहीं, बल्कि संगठनात्मक पुनर्गठन की प्रक्रिया के रूप में देख रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, हालिया चुनावी नतीजों के बाद कांग्रेस छत्तीसगढ़ में संगठन को फिर से सक्रिय और अनुशासित करने की दिशा में काम कर रही है। राहुल गांधी की सीधी भागीदारी से कार्यकर्ताओं में संदेश जाएगा कि पार्टी जमीनी नेतृत्व को गंभीरता से ले रही है। आने वाले महीनों में इस प्रशिक्षण शिविर के प्रभाव और उससे निकलने वाली रणनीति पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी।
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