इस खास मौके पर संस्था परिसर को सुंदर तरीके से सजाया गया। प्रांगण में क्रिसमस ट्री लगाया गया और प्रभु यीशु मसीह के जन्म को दर्शाने के लिए अस्तबल भी बनाया गया, जिसने पूरे वातावरण को भावनात्मक और आनंदमय बना दिया।

इस कार्यक्रम की सबसे खास बात यह रही कि संस्था में पढ़ने वाले मानसिक दिव्यांग श्रेणी के बच्चों ने सांता क्लॉस का किरदार निभाया। बच्चों ने लाल कपड़े पहनकर सांता बनकर सभी का मन मोह लिया। उनकी मासूम मुस्कान और उत्साह ने वहां मौजूद हर व्यक्ति को भावुक कर दिया।
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इस अवसर पर संस्था की संचालिका ने बच्चों को प्रभु यीशु मसीह के जन्म की कहानी सरल शब्दों में सुनाई। उन्होंने बच्चों को बताया कि यीशु मसीह प्रेम, सेवा, करुणा और भाईचारे का संदेश लेकर आए थे। साथ ही उन्होंने बच्चों को एक-दूसरे से प्यार करने और जरूरतमंदों की मदद करने की सीख भी दी।
कार्यक्रम के दौरान सांता क्लॉस बने बच्चों ने सभी बच्चों को चॉकलेट और उपहार वितरित किए। उपहार पाकर बच्चों के चेहरे खुशी से खिल उठे। बच्चों ने क्रिसमस गीत गाए और एक-दूसरे को “मेरी क्रिसमस” कहकर शुभकामनाएं दीं।
इस आयोजन में संस्था का समस्त स्टाफ मौजूद रहा और सभी ने मिलकर बच्चों के साथ क्रिसमस का त्योहार मनाया। स्टाफ सदस्यों ने बच्चों का उत्साह बढ़ाया और उन्हें प्रोत्साहित किया।
संस्था में मनाया गया यह क्रिसमस समारोह प्रेम, खुशी और समावेशन का संदेश देने वाला रहा। इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि त्योहार सभी के लिए होते हैं और हर बच्चा खास होता है। कार्यक्रम के अंत में सभी ने मिलकर खुशहाल और उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
