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सीएम साय का आश्वासन: बिजली दरों में बढ़ोतरी का किसानों और गरीबों पर नहीं पड़ेगा असर
Raipur, CG
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छत्तीसगढ़ में बिजली दरों में वृद्धि को लेकर विपक्ष के साथ-साथ आम जनता में भी हलचल है, लेकिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्पष्ट किया है कि इस बढ़ोतरी का प्रभाव गरीबों और किसानों पर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गरीब परिवारों को "हॉफ बिजली" की सुविधा दे रही है, वहीं किसानों को 3 एचपी तक 3,000 यूनिट बिजली मुफ्त दी जा रही है।
दरों में मामूली वृद्धि, सरकार दे रही राहत
राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2025-26 के लिए बिजली दरों में औसतन 1.89% वृद्धि को मंजूरी दी है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट 10 से 20 पैसे और किसानों के लिए 50 पैसे की वृद्धि की गई है। हालाँकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यह अतिरिक्त राशि खुद वहन कर रही है, जिससे उपभोक्ताओं पर कोई सीधा आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।
कांग्रेस का ऐलान – चरणबद्ध आंदोलन
दूसरी ओर, कांग्रेस ने बिजली दरों में वृद्धि को लेकर चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार जनविरोधी नीतियाँ अपना रही है। जबकि सत्तापक्ष इसे राजस्व घाटा और बढ़ती मांग के चलते आवश्यक कदम बता रहा है।
आयोग ने दी कई श्रेणियों को रियायतें
इस बार के टैरिफ आदेश में कई सामाजिक और औद्योगिक वर्गों को राहत दी गई है:
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महिला स्व-सहायता समूहों, पोहा-मुरमुरा मिल, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, और डायग्नोस्टिक सेंटर्स को ऊर्जा प्रभार में 5 से 10 प्रतिशत तक छूट।
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बायोमास ब्रिकेट्स यूनिट, प्रिंटिंग प्रेस, और स्टोन क्रशर यूनिट्स को नई श्रेणियों में शामिल किया गया है।
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लघु और सीमांत किसानों को विद्युत पंप के लिए पूर्व की तरह अतिरिक्त छूट जारी रहेगी।
औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए भी नई व्यवस्था
उच्चदाब श्रेणियों में बिजली दरें कुछ हद तक बढ़ाई गई हैं। स्टील उद्योगों, रक्षा प्रतिष्ठानों, और लोड फैक्टर आधारित रियायतों में संशोधन किया गया है, जिससे उद्योगों को प्रोत्साहन के साथ-साथ पर्यावरण हित में उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा सके।