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प्रेम विवाह पर परिवार का कठोर फैसला: जीवित बेटी का कराया पिंडदान, तस्वीर पर चढ़ाई माला, भाई का मुंडन
Alirajpur, MP

प्रेम विवाह के कारण एक युवती को अपने ही परिवार द्वारा मृत घोषित कर दिया गया।
जिले के उदयगढ़ गांव में रहने वाली पल्लवी राजपूत ने जैसे ही कलाल समाज के युवक सिद्धार्थ बसेर से कोर्ट मैरिज की, परिवार ने सामाजिक मर्यादा का हवाला देते हुए उससे हर रिश्ता तोड़ दिया और जीवित बेटी का पिंडदान कर दिया।
3 जुलाई को छोड़ा घर, अब कोर्ट मैरिज की पुष्टि
कॉलेज परीक्षा का बहाना बनाकर 3 जुलाई को पल्लवी घर से निकली थी और शाम तक नहीं लौटी। जब वह वापस नहीं आई, तो परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। उसी समय सिद्धार्थ भी लापता हो गया। जांच के दौरान पुलिस को एक वीडियो स्टेटमेंट मिला, जिसमें पल्लवी ने बताया कि उसने सिद्धार्थ से विवाह कर लिया है और वह अब उदयगढ़ नहीं लौटना चाहती क्योंकि उसे अपने जीवन को लेकर डर है।
परिवार ने बेटी को घोषित किया मृत
शादी की खबर मिलते ही पल्लवी के परिवार ने उसे सामाजिक रूप से मृत घोषित कर दिया। शोक पत्रिका छपवाकर घर के बाहर टेंट लगाया गया। पंडितों और रिश्तेदारों को बुलाकर विधिवत पिंडदान किया गया और पल्लवी की तस्वीर पर माला चढ़ाई गई, जिसमें 3 जुलाई 2025 को ‘मृत्यु तिथि’ के रूप में दर्शाया गया।
छोटे भाई का कराया गया मुंडन
परिवार ने इस घटना को वास्तविक मृत्यु जैसा रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पल्लवी के छोटे भाई आदित्य का मुंडन संस्कार भी करवाया गया, जैसा कि किसी सदस्य की मृत्यु पर किया जाता है। परिजनों ने स्पष्ट कहा कि उन्होंने पल्लवी से हमेशा के लिए रिश्ता खत्म कर लिया है और जो कोई उससे संपर्क रखेगा, उनसे भी संबंध समाप्त कर दिए जाएंगे।
सामाजिक और मानसिक सवाल खड़े
यह मामला केवल एक प्रेम विवाह का नहीं, बल्कि सामाजिक असहिष्णुता और रूढ़िवादी सोच का प्रतिनिधित्व करता है। जीवित बेटी का पिंडदान कर देना, एक गंभीर मानसिक और सामाजिक प्रश्न खड़ा करता है — कि क्या आज भी बेटियों के निर्णयों को स्वीकार करने में समाज इतना पीछे है?