- Hindi News
- राज्य
- छत्तीसगढ़
- हास्य साहित्य के स्तंभ डॉ. सुरेंद्र दुबे नहीं रहे: मुख्यमंत्री साय ने निवास पहुंचकर दी श्रद्धांजलि,
हास्य साहित्य के स्तंभ डॉ. सुरेंद्र दुबे नहीं रहे: मुख्यमंत्री साय ने निवास पहुंचकर दी श्रद्धांजलि, अंतिम यात्रा कल सुबह
Raipur, CG
1.jpg)
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध हास्य कवि और पद्मश्री सम्मानित डॉ. सुरेंद्र दुबे का गुरुवार को निधन हो गया। वे रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (ACI) में उपचाराधीन थे। हृदयगति रुकने के कारण उन्होंने अंतिम सांस ली। साहित्य और संस्कृति जगत के लिए यह एक अपूरणीय क्षति मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दुबे के निधन की सूचना मिलते ही उनके निवास पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया। इस दौरान उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी, और अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री बोले- छत्तीसगढ़ ने साहित्यिक चेतना का दीपक खोया
मुख्यमंत्री साय ने एक्स (ट्विटर) पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “डॉ. सुरेंद्र दुबे का निधन न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि संपूर्ण हिंदी साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने हास्य और व्यंग्य की विधा को सामाजिक विमर्श का सशक्त माध्यम बनाया।”
उन्होंने कहा कि डॉ. दुबे की रचनात्मकता, व्यंग्य की तीव्रता और मंचीय ऊर्जा सदैव स्मरणीय रहेंगी। उनके जाने से छत्तीसगढ़ी भाषा की वैश्विक पहचान का एक स्तंभ टूट गया है।
हास्य-व्यंग्य के माध्यम से सामाजिक चेतना का संचार
डॉ. सुरेंद्र दुबे केवल मंचीय कवि नहीं थे, वे हास्य और व्यंग्य को समाज की आत्मा से जोड़ते थे। उन्होंने कई टीवी कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुति दी और जनमानस को न केवल हँसाया, बल्कि सामाजिक विडंबनाओं पर विचार करने को प्रेरित किया।
अंतिम यात्रा कल सुबह 10:30 बजे
उनकी अंतिम यात्रा 27 जून, गुरुवार को सुबह 10:30 बजे उनके निवास स्थान अशोका प्लैटिनम बंगला नंबर-25 से निकलेगी और मारवाड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया जाएगा। पार्थिव शरीर को आज देर शाम तक दर्शनार्थ रखा जाएगा। प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास समेत देशभर के कई साहित्यकार श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे।
साहित्य और सम्मान का अद्वितीय सफर
-
जन्म: 8 अगस्त 1953, बेमेतरा, छत्तीसगढ़
-
पेशा: आयुर्वेदिक चिकित्सक
-
पहचान: मंचीय हास्य कवि, साहित्यकार
-
पुरस्कार:
-
पद्मश्री (2010)
-
काका हाथरसी हास्य रत्न (2008)
-
पं. सुंदरलाल शर्मा सम्मान (2012)
-
हास्य शिरोमणि सम्मान, अमेरिका (2019)
-
छत्तीसगढ़ रत्न, शिकागो
-
-
कुल 5 पुस्तकें प्रकाशित
-
उनकी रचनाओं पर 3 विश्वविद्यालयों ने पीएचडी प्रदान की।