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कैबिनेट की बड़ी घोषणाएं: छत्तीसगढ़ बनेगा लॉजिस्टिक हब, पेंशन फंड गठित, दलहन-तिलहन किसानों को मिलेगा बोनस
Raipur, CG
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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक में कई दूरगामी और विकासोन्मुख फैसले लिए गए।
बैठक में जहां राज्य को लॉजिस्टिक हब बनाने की दिशा में नीति को मंजूरी दी गई, वहीं कृषक उन्नति योजना के विस्तार और पेंशन फंड के गठन जैसे अहम प्रस्ताव भी पारित किए गए। इसके अलावा न्यूनतम सेवा में छूट, रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स और जन विश्वास विधेयक जैसे प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई।
अब धान नहीं, दलहन-तिलहन उगाने पर भी किसानों को प्रोत्साहन
कैबिनेट ने कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत एक बड़ा निर्णय लिया है। अब तक यह योजना केवल धान उत्पादक किसानों के लिए थी, लेकिन अब इसमें दलहन, तिलहन और मक्का की फसलें उगाने वाले किसानों को भी आदान सहायता राशि और बोनस मिलेगा। इससे किसानों को विविध कृषि की ओर प्रोत्साहन मिलेगा और उत्पादन में संतुलन बनेगा।
छत्तीसगढ़ बनेगा लॉजिस्टिक हब, युवाओं को रोजगार के अवसर
लॉजिस्टिक पॉलिसी 2025 को स्वीकृति देते हुए सरकार ने छत्तीसगढ़ को एक बड़े लॉजिस्टिक केंद्र में बदलने की योजना को मंजूरी दी। इसके अंतर्गत ड्राय पोर्ट, कंटेनर डिपो, गोदाम और सप्लाई चेन हब विकसित किए जाएंगे। इससे राज्य के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
पेंशन फंड से होगा भुगतान का बेहतर प्रबंधन
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर पेंशन मिल सके इसके लिए छत्तीसगढ़ पेंशन फंड गठित करने का निर्णय हुआ है। इसके साथ ही ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड भी बनाया जाएगा, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को स्थायित्व और मजबूती प्रदान करेगा।
रिडेवलपमेंट योजना से बदलेगा सरकारी भवनों का स्वरूप
पुराने और जर्जर हो चुके सरकारी भवनों और अनुपयोगी ज़मीनों के बेहतर उपयोग हेतु 7 विकास योजनाओं को मंजूरी मिली है। इनमें रायपुर, राजनांदगांव, जगदलपुर, कांकेर, महासमुंद और कोरबा के क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
जन विश्वास विधेयक से कानूनी बोझ होगा कम
जन विश्वास विधेयक 2025 को मंजूरी दी गई, जिसके तहत कुछ पुराने कानूनों को गैर-अपराधिक श्रेणी में लाया जाएगा। इससे अनावश्यक केस कम होंगे और कारोबारियों के लिए अनुकूल माहौल बनेगा।
प्रमोशन में न्यूनतम सेवा की बाध्यता में छूट
कैबिनेट ने एक बार के लिए विशेष छूट देते हुए पंजीयन लिपिक से उप पंजीयक के पद पर पदोन्नति के लिए आवश्यक न्यूनतम सेवा अवधि को 5 साल से घटाकर 2 साल कर दिया है। यह निर्णय प्रशासनिक गतिशीलता और पदोन्नति के अवसरों को बढ़ाएगा।