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नक्सलियों ने CG-ओडिशा बॉर्डर से लूटा 5000 किलो विस्फोटक, ड्राइवर को अगवा कर वैन से ले गए बारूद
Jashpur Nagar, CG
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छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमावर्ती क्षेत्र में मंगलवार को नक्सलियों ने एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया। पत्थर खदान के लिए ले जाए जा रहे 5000 किलोग्राम विस्फोटक से भरी वैन को हथियारबंद नक्सलियों ने लूट लिया। इस घटना के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है और सीमावर्ती इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, यह घटना ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के बलगांव थाना क्षेत्र में हुई। विस्फोटक सामग्री झारखंड सीमा से लगे इलाके में स्थित बैंग खदान के लिए भेजी जा रही थी। इसी दौरान जंगल के रास्ते में करीब 40 से अधिक नक्सलियों ने वैन को घेर लिया और ड्राइवर को बंदूक की नोक पर अगवा कर वैन को कब्जे में ले लिया। वैन में 25-25 किलो की 200 पेटियों में जिलेटिन और अन्य विस्फोटक लदे थे।
खदान पहुंचकर दोबारा लोड कराया बारूद
खदान में पहले से मौजूद मजदूरों और स्टाफ को भी नक्सलियों ने धमकाया। वैन से उतारी गई विस्फोटक पेटियों को माओवादियों ने दोबारा वैन में भरवाया और ड्राइवर सहित वाहन को जंगल की ओर ले गए। सूत्रों के अनुसार, जंगल में पहले से अन्य नक्सली तैनात थे, जिन्होंने वैन से विस्फोटक सामग्री उतरवाकर उसे अपने कब्जे में ले लिया और ड्राइवर को कुछ दूरी पर छोड़कर फरार हो गए।
पुलिस को नहीं मिला कोई सुराग
वारदात की जानकारी मिलते ही ड्राइवर ने गोदाम पहुंचकर घटना की जानकारी मैनेजर को दी। मैनेजर ने तत्काल पुलिस को सूचित किया। बलगांव थाना पुलिस मौके पर पहुंची और अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि घटना को हुए 24 घंटे से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन अब तक पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है।
सीमावर्ती इलाकों में तलाशी तेज, ओडिशा पुलिस अलर्ट पर
इस बड़ी लूट के बाद ओडिशा पुलिस ने सीमा से सटे क्षेत्रों में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। जांच एजेंसियां हर गतिविधि पर नजर रख रही हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द ही माओवादियों का सुराग लगाकर विस्फोटक सामग्री बरामद कर ली जाएगी।
विस्फोटकों के गलत इस्तेमाल की आशंका
विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी भारी मात्रा में विस्फोटक नक्सलियों के हाथ लगना सुरक्षा के लिहाज से गंभीर चिंता का विषय है। जिलेटिन जैसी विस्फोटक सामग्री खदानों में चट्टानों को तोड़ने के लिए प्रयोग की जाती है, लेकिन इसके जरिये घातक हमलों को भी अंजाम दिया जा सकता है।
झाबुआ ब्लास्ट की यादें ताजा
गौरतलब है कि 2015 में मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के पेटलावद में जिलेटिन के धमाके में 73 लोगों की जान चली गई थी। उस हादसे ने साबित किया था कि विस्फोटकों की लापरवाही से कितनी बड़ी जनहानि हो सकती है।